Books - धन का उपार्जन और उपयोग
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Language: HINDI
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निर्धनता अभिशाप नहीं
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मुझे यदि दूसरा जन्म मिला तो परमात्मा से कहूंगा मालिक! तुम मुझे किसी कल-कारखाने का मजदूर या खेल-खलिहान का किसान बनाना। तूने मुझे निर्धन बनाया तो समझूंगा वरदान मिला धन का अभिशाप तो इसी जीवन में भोग रहा हूं।’’ उक्त शब्द संसार के प्रथम धनपति अमेरिका निवासी हेररो फोड़ ने अपनी डायरी में लिखे हैं। इसके कारणों पर प्रकाश डालते हुए उसने आगे लिखा है कि धन की अधिकता के कारण सारा जीवन अनियंत्रित वासनाओं और कामनाओं में बिताने के फलस्वरूप आज मेरी स्थिति ऐसी हो गई है कि विपुल सम्पत्ति होते हुए भी चाय और सिगरेट के अतिरिक्त और कुछ भी न लेने के लिये डाक्टरों ने मना कर दिया है।
योरोपियन लेखक विद्वान् पीटर ने ‘‘निर्धन का वकील’’ नामक पुस्तक में बड़े ही मार्मिक शब्दों में लिखा है’’ गरीब, गरीब न होते यदि धनवान् ईमानदार होते और निर्धनों को अपनी वस्तुओं का उचित मूल्य चुका देते। धन का वैभव और कुछ नहीं केवल अनैतिक—विजय-भेंट है जो गरीबों का स्वत्व अपहरण करने से मिलती है।’’
अमरीका के प्रेसीडेण्ट अब्राहम लिंकन ने अपने देशवासियों को सम्बोधन करते हुए अपनी सादगी का समर्थन इन शब्दों में किया था ‘‘गरीब लोग परमात्मा के अधिक सन्निकट होते हैं इसलिये मुझे वैभव पसन्द नहीं।’’ निर्धनता इसलिये श्रेष्ठ है कि वह व्यक्ति की अंतर्दृष्टि जागृत करती है। महान् दार्शनिक लूथर का कथन है ‘‘हे परमात्मा में तेरा आभारी हूं जो तूने मुझे निर्धन बनाने की कृपा की, ऐसा न करता तो तेरी उपस्थिति का मुझे ज्ञान मिलना दुर्लभ था।
योरोपियन लेखक विद्वान् पीटर ने ‘‘निर्धन का वकील’’ नामक पुस्तक में बड़े ही मार्मिक शब्दों में लिखा है’’ गरीब, गरीब न होते यदि धनवान् ईमानदार होते और निर्धनों को अपनी वस्तुओं का उचित मूल्य चुका देते। धन का वैभव और कुछ नहीं केवल अनैतिक—विजय-भेंट है जो गरीबों का स्वत्व अपहरण करने से मिलती है।’’
अमरीका के प्रेसीडेण्ट अब्राहम लिंकन ने अपने देशवासियों को सम्बोधन करते हुए अपनी सादगी का समर्थन इन शब्दों में किया था ‘‘गरीब लोग परमात्मा के अधिक सन्निकट होते हैं इसलिये मुझे वैभव पसन्द नहीं।’’ निर्धनता इसलिये श्रेष्ठ है कि वह व्यक्ति की अंतर्दृष्टि जागृत करती है। महान् दार्शनिक लूथर का कथन है ‘‘हे परमात्मा में तेरा आभारी हूं जो तूने मुझे निर्धन बनाने की कृपा की, ऐसा न करता तो तेरी उपस्थिति का मुझे ज्ञान मिलना दुर्लभ था।