Books - गीत माला भाग-2
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इस धरती के फूलों में
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इस धरती के फूलों में
इस धरती के फूलों में, जो सबसे फूल महान।
नाम है हिन्दुस्तान उसी का, नाम है हिन्दुस्तान॥
इसका मन इतना पावन है, जितनी पावन गंगा।
फहर फहर फहराता, इसकी शान तिरंगा॥
रहें गूँजते हर पग पग पर, मातृभूमि के गान॥
फैली मन भावन हरियाली, शस्यश्यामला माटी।
धरती का जो स्वर्ग कहाती, है कश्मीर घाटी॥
धवल हिमालय सुना रहा है, जग को गीता ज्ञान॥
जन जन को सिखलाया इनने, जन्मभूमि पर मरना।
शांति, अहिंसा के खातिर, निज जीवन अर्पित करना॥
दोहराता नित बच्चा बच्चा, जन मन गण के गान॥
इस धरती के फूलों में, जो सबसे फूल महान।
नाम है हिन्दुस्तान उसी का, नाम है हिन्दुस्तान॥
इसका मन इतना पावन है, जितनी पावन गंगा।
फहर फहर फहराता, इसकी शान तिरंगा॥
रहें गूँजते हर पग पग पर, मातृभूमि के गान॥
फैली मन भावन हरियाली, शस्यश्यामला माटी।
धरती का जो स्वर्ग कहाती, है कश्मीर घाटी॥
धवल हिमालय सुना रहा है, जग को गीता ज्ञान॥
जन जन को सिखलाया इनने, जन्मभूमि पर मरना।
शांति, अहिंसा के खातिर, निज जीवन अर्पित करना॥
दोहराता नित बच्चा बच्चा, जन मन गण के गान॥