Books - गीत माला भाग ८
Media: TEXT
Language: EN
Language: EN
दोष दुर्गुणों को जब
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
दोष दुर्गुणों को जब
(तर्ज- सावधान हो जाओ)
दोष दुर्गुणों को जब त्यागा जायेगा।
जीवन यज्ञ तभी पूरा हो पायेगा॥
छोड़ें हम दोषों को,शत्रु जो हमारे,
छूटेंगे दोष दुर्गुण,ऐसे ही सारे।
दोषों ने हमको नीचा दिखाया है,
मानव की गरिमा से हमको गिराया है॥
दोषों का कीड़ा जीवन को खायेगा॥
दुर्गुण को छोड़ें अब हम सद्गुण अपनायें।
मानव जीवन की हम अब गरिमा बढ़ायें॥
दोषों की आहुति यज्ञ में चढ़ा दो।
मानव जीवन को अब तो कुन्दन बना लो॥
तभी यज्ञ जीवन का पूर्ण कहायेगा॥
करना सहकार हमको यज्ञ ये बताते।
जनहित में त्याग तपस्या करना सिखाते॥
यज्ञ यही है मिल बाँटकर खाओ रे।
मेरा नहीं है कुछ यह भाव जगाओ रे॥
अपना और परायापन मिट जायेगा॥
होता है दोषों का जब यूँ निवारण।
बनता है मानव तब ही नर नारायण॥
होना है मानव को देव मेरे भाई रे।
करना है स्वर्ग धरा को मेरे भाई रे॥
नर ही नारायण बन स्वर्ग बसायेगा॥
(तर्ज- सावधान हो जाओ)
दोष दुर्गुणों को जब त्यागा जायेगा।
जीवन यज्ञ तभी पूरा हो पायेगा॥
छोड़ें हम दोषों को,शत्रु जो हमारे,
छूटेंगे दोष दुर्गुण,ऐसे ही सारे।
दोषों ने हमको नीचा दिखाया है,
मानव की गरिमा से हमको गिराया है॥
दोषों का कीड़ा जीवन को खायेगा॥
दुर्गुण को छोड़ें अब हम सद्गुण अपनायें।
मानव जीवन की हम अब गरिमा बढ़ायें॥
दोषों की आहुति यज्ञ में चढ़ा दो।
मानव जीवन को अब तो कुन्दन बना लो॥
तभी यज्ञ जीवन का पूर्ण कहायेगा॥
करना सहकार हमको यज्ञ ये बताते।
जनहित में त्याग तपस्या करना सिखाते॥
यज्ञ यही है मिल बाँटकर खाओ रे।
मेरा नहीं है कुछ यह भाव जगाओ रे॥
अपना और परायापन मिट जायेगा॥
होता है दोषों का जब यूँ निवारण।
बनता है मानव तब ही नर नारायण॥
होना है मानव को देव मेरे भाई रे।
करना है स्वर्ग धरा को मेरे भाई रे॥
नर ही नारायण बन स्वर्ग बसायेगा॥