Books - सच्चा अध्यात्म आखिर है क्या?
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
सच्चा अध्यात्म आखिर है क्या?
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
गायत्री मंत्र हमारे साथ-साथ—
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
देवियो, भाइयो! मनुष्य को इस सांसारिक जीवन की सफलता के लिए दो चीजों की आवश्यकता है-पहला है श्रम और दूसरा ज्ञान। श्रम के द्वारा हम मेहनत करते हैं, मजदूरी करते हैं तथा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करके संतोष महसूस करते हैं। दूसरी चीज है, ज्ञान। ज्ञान का विकास मनुष्य के श्रम द्वारा होता है तथा उसके बाद मनुष्य की उन्नति होती है। सांसारिक जीवन में श्रम और ज्ञान दोनों की आवश्यकता है। श्रम हमारे पास हो और ज्ञान न हो तो हमारी भौतिक प्रगति, भौतिक संपदा नगण्य होती है, परंतु जब ज्ञान मनुष्य के पास होता है, तो वह इंजीनियर होता है, डॉक्टर होता है, कलाकार होता है। ज्ञान के द्वारा ही हमारा विकास होता है तथा हमारे विचार में परिवर्तन होता है। अत: हमको सांसारिक प्रगति के लिए श्रम को विकसित करना चाहिए। आप किसान की तरह से, श्रमिक की तरह से श्रम करके दौलत कमा सकते हैं। जापान में सब लोग श्रम का महत्त्व समझते हैं, श्रम की ही पूजा करते हैं।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
देवियो, भाइयो! मनुष्य को इस सांसारिक जीवन की सफलता के लिए दो चीजों की आवश्यकता है-पहला है श्रम और दूसरा ज्ञान। श्रम के द्वारा हम मेहनत करते हैं, मजदूरी करते हैं तथा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करके संतोष महसूस करते हैं। दूसरी चीज है, ज्ञान। ज्ञान का विकास मनुष्य के श्रम द्वारा होता है तथा उसके बाद मनुष्य की उन्नति होती है। सांसारिक जीवन में श्रम और ज्ञान दोनों की आवश्यकता है। श्रम हमारे पास हो और ज्ञान न हो तो हमारी भौतिक प्रगति, भौतिक संपदा नगण्य होती है, परंतु जब ज्ञान मनुष्य के पास होता है, तो वह इंजीनियर होता है, डॉक्टर होता है, कलाकार होता है। ज्ञान के द्वारा ही हमारा विकास होता है तथा हमारे विचार में परिवर्तन होता है। अत: हमको सांसारिक प्रगति के लिए श्रम को विकसित करना चाहिए। आप किसान की तरह से, श्रमिक की तरह से श्रम करके दौलत कमा सकते हैं। जापान में सब लोग श्रम का महत्त्व समझते हैं, श्रम की ही पूजा करते हैं।