लथुआनिया और इटली में हुए गायत्री महायज्ञ
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एनिकचई। लिथुआनिया
स्वेन्टोजी नदी के निकट स्थानीय कवियों एवं लेखकों के लिए प्रसिद्ध शहर है एनिकचई । यह शहर धार्मिक दृष्टि से भी बहुत पवित्र माना जाता है। एनिकचई में लिथुआनियाई मूल के कुछ लोगों में गायत्री और यज्ञ के प्रति आस्था व अनेक जिज्ञासाएँ थीं, जिनके समाधान के लिए उन्होंने आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी को आमंत्रित किया था।
शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने उन सबके साथ पूरे विधि-विधान के साथ गायत्री यज्ञ सम्पन्न कराया और एक-एक क्रिया की वैज्ञानिकता को भी समझाया। उन्होंने कहा कि गायत्री और यज्ञ मानवीय चेतना के उत्थान के पवित्रतम और निरापद आयाम हैं। आज सारे विश्व में इसका विस्तार कर मानवता का बहुत बड़ा उपकार किया जा सकता है।
250 लोगों ने यज्ञ किया : ब्रेकियानो। इटली
ब्रेकियानो शहर में बड़ी संख्या में लोगों की गायत्री और भारतीय संस्कृति पर आस्था है। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी उनके बीच पहुँचे और एक विशाल यज्ञीय कार्यक्रम सम्पन्न कराया। यज्ञ में लगभग 250 साधकों की उपस्थिति रही। यज्ञ के साथ गायत्री एवं यज्ञ के तत्त्वदर्शन पर विस्तार से चर्चा हुई। परम पूज्य गुरूदेव द्वारा इन्हें विश्वव्यापी बनाने की आवश्यकता और किए गए कार्यों से भी उन्हें अवगत कराया। डॉ. पण्ड्या जी ने कहा कि गायत्री उपासना मानवीय बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित कर वैश्विक समस्याओं के समाधान और विश्व शान्ति में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने युग परिवर्तन के इस महान अभियान में बढ़चढ़कर भागीदारी की प्रेरणा दी।
ब्रेकियानो में हुए यज्ञ से प्रतिभागीगण बहुत प्रभावित हुए। बहुत से लोगों ने गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली।