अंतरराष्ट्रीय नोबल शांति पुरस्कार समिति के माननीय लीडर डॉ. आश्ले तोईये(Dr. Asle Toje) जी dsvv एवं शांतिकुंज आगमन
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प. पू. गुरुदेव के वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के विचार व भारतीय संस्कृति विश्व शांति के प्राचीन उदाहरण से प्रभावित हैं।
28 जून 2024 -
देव संस्कृति विश्वविद्यालय व्याख्यान माला श्रृंखला "वसुधैव कुटुंबकम्" के अंतर्गत *अंतरराष्ट्रीय नोबल शांति पुरस्कार समिति के माननीय लीडर डॉ. आश्ले तोईये(Dr. Asle Toje) जी* का आगमन हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय और अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय, शांतिकुंज में हुआ। विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों के साथ *प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी* ने मंत्र चादर भेंट कर उनका स्वागत किया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. तोईये जी ने "वसुधैव कुटुंबकम" व्याख्यान की शोभा बढाते हुए इस विशेष अवसर भारत की भूमिका एवं उसकी महान सांस्कृतिक धरोहर की चर्चा की, वे भारत से विशेष रूप से प्रभावित हैं तथा उनके अनुसार *शांति एवं एकता का संदेश लेकर समूचे विश्व को आलोकित करने की दिशा में विश्व का कोई एक देश यदि भविष्य में प्रतिनिधित्व करेगा तो वह भारत ही है।* प. पू. गुरुदेव के *वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के विचार व भारतीय संस्कृति विश्व शांति* के प्राचीन उदाहरण को सराहा। कार्यक्रम के अंतिम चरण में डॉ एस्ले तोजे जी को माँ गायत्री का स्मृति चिन्ह और गंगाजल भेंट स्वरूप दिया गया। इसके पश्चात प्रतिकुलपति जी ने उनको विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराते हुए विनम्रतापूर्वक संपूर्ण परिसर का भ्रमण कराया।