Magazine - Year 1945 - Version 2
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मोटापा कैसे दूर हो?
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(डॉ. विट्ठलदास मोदी, आरोग्य मंदिर, गोरखपुर)
शुरू में ही यह बता देना ठीक होगा कि मोटापा भगाने के दो ही पुरअसर अस्त्र हैं। पहला भोजन पर संयम और दूसरा उचित कसरत। मोटापा एक रोग है और प्रत्येक रोग का कारण होता है, खून में खटाई का बढ़ जाना एवं क्षार की कमी। अतः रोग मुक्त होने के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे भोजन में जो खून में खटाई पैदा करते हैं छोड़ दिये जायें। गोश्त, मछली, अंडे, चीनी, मैदा, दाल, घी, छटे चावल आदि भोजन खून में खटाई पैदा करते हैं और उसे रोग बनाते हैं। इनका इस्तेमाल तो स्वस्थ आदमी को भी न करना चाहिये। मिर्च मसाले भी अच्छी चीज नहीं दें, इनके कारण लोग भूख से अधिक भोजन कर जाते हैं। खून की खटाई को दूर कर रक्त को शुद्ध बनाने वाले एवं रोग मुक्त करने वाले भोजन हैं-सब तरह की हरी तरकारियाँ एवं पत्तीदार तरकारियाँ और सब तरह के फल। मोटापे के रोगियों को फल और तरकारियाँ को ही अपना मुख्य भोजन बनाना चाहिये, इनमें भी प्रत्येक के गुण दोषों को जान लेना जरूरी है। मोटापे का मुख्य कारण भोजन है अतः भोजन के हर पहलू को समझ लेना आवश्यक है। खून साफ करने के लिए फलों में से भी रसदार फल, संतरा, अनानास, रसभरी, टमाटर आदि सब श्रेष्ठ हैं और उनसे घटकर हैं सेब, नाशपाती, पपीता, खरबूजा, तरबूज जैसे ठोस फल। इसके बाद ही और फलों को स्थान मिलना चाहिये। तरकारियों में सभी पत्तीदार हरी सब्जियाँ परमोत्तम हैं। खीरा, ककड़ी, लौकी, परमल, तोरई आदि उनसे कुछ ही कम हैं। रोग के दिनों में सब ही कंद भाजियाँ त्याज्य हैं केवल गाजर का उपयोग थोड़ा बहुत किया जा सकता है।
इन खाद्य वस्तुओं के अलावा चिकित्सा शुरू करने के एक दो सप्ताह बाद थोड़ी बिना छने आटे की रोटी और थोड़ा मक्खन निकाला हुआ दूध या मट्ठा भी लिया जा सकता है। मोटापा दूर करने के लिये भूखे रहने की आवश्यकता नहीं है। बताई गई खाद्य वस्तुओं को भर-भर पेट खाइए। सोचकर इनके आधार पर अनेक आकर्षक भोजन बनाये जा सकते हैं। सवेरे उठते ही एक नींबू का रस पानी में निचोड़ कर पीजिये, इससे आपको स्फूर्ति मिलेगी और ताजगी आयेगी। सवेरे के नाश्ते में कोई रसदार फल लीजिये। दोपहर को हरी सब्जियों का सलाद इच्छानुसार खाइये और एक या दो हल्की चपातियाँ लीजिये। शाम को दो पकी तरकारियों और पाव भर मट्ठे का भोजन उपयुक्त होगा। तरकारियों के बजाय कोई ठोस फल भी लिया जा सकता है। इसके अलावा दिन में इच्छा हो तो दो तीन बार फल एवं तरकारियों का रस भी पिया जा सकता है। दुबला होने के लिए टमाटर, लौकी और खीरे, ककड़ी का रस बहुत फायदे का साबित हुआ। लौकी और खीरे, ककड़ी के रस में नींबू का रस और आधा तोला शहद मिला देने से बहुत बढ़िया शर्बत बनता है। यदि अधिक भूख लगे तो खीरा, ककड़ी टमाटर आदि को भी खाया जा सकता है।
ऊपर बताये गये भोजन क्रम से वजन काफी घटेगा और शरीर निर्मल होगा। घटने के लिए कभी उतावला न होना चाहिये समझ बूझकर एक क्रम को आरम्भ कर दीजिये और निश्चिंत हो जाइये एक ही भोजन पर पहले वजन ज्यादा घटता है पर पीछे कम। इसी समय कसरत शुरू कीजिये। वजन जब घटता है तो त्वचा ढीली पड़ने लगती है, कसरत से उसमें तनाव उत्पन्न होगा, वह सिकुड़ेगी और शरीर में सुघरता आयेगी। पर कसरत बहुत अधिक एवं बहुत कड़ी करने की जरूरत नहीं है। टहलने के साथ कोई हल्की कसरत की जा सकती है।