
शाकाहार बनाम माँसाहार
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भारत सरकार द्वारा प्रकाशित हैल्थ बुलेटिन नं.23 में पौष्टिक तत्व तुलनात्मक चार्ट छपा है। इस पर बारीकी से दृष्टिपात करने के उपरान्त यह स्पष्ट हो जाता है कि माँस के जो गुण−गान किये जाते हैं, वे निरर्थक है। माँस की तुलना में तो सामान्य दालों में भी कही अधिक पौष्टिक तत्व मौजूद हे। वे सस्ती है—बनाने में सरल हैं और प्राणतत्व जैसा क्रूर−क्रम भी उनके सेवन से नहीं करना पड़ता।
नीचे प्रस्तुत तालिका पर दृष्टिपात करके हम शाकाहार और मांसाहार की उपयोगिता पर अपनी सहज बुद्धि के आधार पर भी किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं। देवताओं के नाम पर की जाने वाली पशु−बलि पर गहरा व्यंग करते हुए सन्त कबीर ने कहा है—
पदार्थ प्रोटीन चिकनाई खनिज कार्बोकैल्शियम फास्फोरस लोहा कैलोरी लवण हाइड्रेटस्
मूँग 24.0 1.30 3.65 6.6 0.14 0.2 88.4 0 334
उड़द 24.01.403.460.30.200.379.80350
अरहर 22.31.703.657.20.140.268.80353
मसूर 25.10.702.159.70.130.252.20346
मटर 22.91.402.363.50.300.365.00358
चना 22.55.202.258.90.700.318.90372
लोबिया 24.60.703.255.70.700.493.80327
सोयाबीन 43.219.54.622.90.240.9911.5432
बादाम 20.858.92.910.50.230.493.50655
काजू 21.246.92.422.30.500.455.40596
मूँगफली 31.539.82.319.30.500.391.60549
मैथी बीज 26.25.803.044.10.160.3714.1333
पनीर 24.125.14.06.30.730.522.10348
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माँस वर्ग
अण्डा 13.313.31.0—0.600.222.1173
मछली 22.6 0.600.8—0.200.190.9091
बकरी का माँस 18.513.30.3—0.150.152.5174
सुअर का माँस 18.74.401.0—0.300.202.3114
पढ़े नमाज रख्रें फि र रोज, पराये पुत्र का काढ़ हिया। गर बहिश्त मिले यों ही क्यों न कुटुम्ब हलाल किया॥
गुरु नानक देव का माँसाहार विरोधी मत कगुरु नानक वार माफ महल्ला 1 में इस प्रकार मिलता है—
जे रक्त लगे कपड़े जामा होव पलीत।
जो रक्त पीवे मानुषा तिन क्यों निर्मल चित्त॥
बाइबिल अध्याय 33−61−1 में प्रभू ईसा का कथन है कि—जो मेरे अनुयायी बनना चाहते हे उनसे मेरा कहना है, कि जीव हिंसा से बचें और माँसाहार न करें। क्योंकि परमात्मा न्यायकारी तथा दयालु है और उनकी पवित्र आशा है कि मनुष्य पृथ्वी पर शाकाहारी होकर ही रहें।
कुरान शरीफ सूरेबकर का एक मन्त्र है−
वैज्जा तवल्ला साआ फिर अरदे लयुक सिद फीहा, व युद्ध लिकस हरसा वन्नस्ल वल्लाहों ला युहिवुल फसाद।
अर्थात्—मत जानवरों को मारना—मत फसल को उजाड़ना। इनसे संसार में बुराइयाँ फैलती हैं। अल्लाह बुराई को पसन्द नहीं करता।
*समाप्त*