Magazine - Year 1996 - Version 2
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Language: HINDI
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हालैण्ड के नागरिकों की देशभक्ति (Kahani)
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फ्राँस ने हालैण्ड पर हमला किया, पर वह बहुत बड़ा और साधन-सम्पन्न होते हुए भी उस छोटे से देश पर विजय प्राप्त न कर सका।
इस पर खीज कर फ्राँस के राजा लुई चौदहवें ने मन्त्री कालवर्ट को बुलाया और पूछा कि-इतना बड़ा और समर्थ होते हुए भी फ्राँस क्यों जीत नहीं पा रहा है?
कलवर्ट गम्भीर हो गये। उनने नम्रतापूर्वक धीमे शब्दों में कहा-”महत्ता और समर्थता किसी देश के विस्तार या वैभव पर निर्भर नहीं करती, वह तो वहाँ के नागरिकों की देशभक्ति और बहादुरी पर निर्भर रहती है।
हालैण्ड के घर-घर में, बच्चे को राष्ट्र की सशक्त इकाई के रूप में ढाला जाता है। यह साधना उन्हें दुर्धर्ष बनने की शक्ति देती है।
हालैण्ड के नागरिकों की देशभक्ति का विस्तृत विवरण विदित होने पर फ्राँस ने अपनी सेना वापस बुला ली।