Friday 21, March 2025
कृष्ण पक्ष सप्तमी, चैत्र 2025
पंचांग 21/03/2025 • March 21, 2025
चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी, कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082, शक संवत 1946 (क्रोधी संवत्सर), फाल्गुन | सप्तमी तिथि 04:24 AM तक उपरांत अष्टमी | नक्षत्र ज्येष्ठा 01:45 AM तक उपरांत मूल | सिद्धि योग 06:41 PM तक, उसके बाद व्यातीपात योग | करण विष्टि 03:39 PM तक, बाद बव 04:24 AM तक, बाद बालव |
मार्च 21 शुक्रवार को राहु 10:54 AM से 12:24 PM तक है | 01:45 AM तक चन्द्रमा वृश्चिक उपरांत धनु राशि पर संचार करेगा |
सूर्योदय 6:23 AM सूर्यास्त 6:25 PM चन्द्रोदय 12:07 AM चन्द्रास्त 10:58 AM अयन उत्तरायण द्रिक ऋतु वसंत
- विक्रम संवत - 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत - 1946, क्रोधी
- पूर्णिमांत - चैत्र
- अमांत - फाल्गुन
तिथि
- कृष्ण पक्ष सप्तमी
- Mar 21 02:45 AM – Mar 22 04:24 AM
- कृष्ण पक्ष अष्टमी
- Mar 22 04:24 AM – Mar 23 05:23 AM
नक्षत्र
- ज्येष्ठा - Mar 20 11:31 PM – Mar 22 01:45 AM
- मूल - Mar 22 01:45 AM – Mar 23 03:23 AM

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आज का सद्चिंतन (बोर्ड)




आज का सद्वाक्य




नित्य शांतिकुंज वीडियो दर्शन

!! परम पूज्य गुरुदेव पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी का अमृत सन्देश !!
परम् पूज्य गुरुदेव का अमृत संदेश
भगवान की भक्ति उसका नाम है भूत, भूत कैसा होता है? भूत बेटे, इधर तो नहीं होता है, इधर हरिद्वार में तो हमने नहीं देखा। अपने देहातों में देखते थे। मैं, मैं, मैं, मैं सब खा जाऊंगा, ऐसे-ऐसे कहता है भूत। भूत कहता है, हां बेटे, ऐसे आता है भगवान की जब भक्ति आती है, तो आदमी के भीतर एक आवेश आता है, एक नशा, एक मस्ती आती है, एक जोश आता है। ऐसा जोश आता है, ऐसा जोश आता है, ऐसा जोश आता है, सारी दुनिया एक ओर और मनुष्य का ईमान एक ओर। सारी दुनिया एक ओर और मनुष्य का ईमान एक ओर। एक ओर हो जाता है। सारे के सारे लोग एक बात कहते हैं, "आप ऐसा कीजिए, ऐसा कीजिए, ऐसा कीजिए, ऐसा कीजिए," और ईमान और भगवान कहते हैं, "नहीं, ऐसा नहीं करेंगे, ऐसा नहीं करेंगे, ऐसा नहीं करेंगे।" आदमी का जोश इतने जोर का आता है, इतने जोर का आता है कि अपने ईमान की बात और अपने भगवान की बात मानने के लिए आदमी अकेला तन के खड़ा हो जाता है, भूत की तरीके से, भूत की तरीके से खड़ा हो जाता है, और रविंद्रनाथ टैगोर का वह गीत गाता है, "अकेला चलो रे, अकेला चलो, ये दुनिया, दुनिया तो पाजियों की दुनिया है।" मैं तुझे कहता हूं, यह दुनिया पाजियों की दुनिया है, इनकी सलाह से आप चलना चाहते हैं? इनकी सलाह से आप चलेंगे, तो आप भगवान के नजदीक नहीं पहुंच सकते।
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
अखण्ड-ज्योति से
दहेज की समस्या कोई स्वतंत्र समस्या नहीं, नारी की अयोग्यता की ही समस्या है। दहेज वे लोग माँगते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है। उनका कहना है कि हमारे घर की अच्छी आर्थिक स्थिति का लाभ तुम्हारी लड़की उपयोग करे इसके बदले में हमें दहेज की कीमत मिलनी चाहिए। इस माँग का दूसरा उत्तर यह हो सकता है कि दहेज का पैसा लड़की की योग्यता बढ़ाने में खर्च कर दिया जाए और उसे किसी गरीब किन्तु योग्य लड़के के साथ ब्याह दिया जाए।
लड़की अपनी योग्यता से कुछ उपार्जन करके उस लड़के की आय को बढ़ा सकती है और उससे अधिक आनन्द में रह सकती है जितनी किसी अमीर घर में-केवल उन लोगों के अनुग्रह और अपनी दीनता के बल पर सुखी रहती है। यदि लड़कियाँ सुशिक्षित हो जाएं तो माँगने वालों को सौदा पटाने की हिम्मत ही न पड़े। फिर भी यदि दहेज का राक्षस न मरे तो लड़कियाँ अपनी शिक्षा के बल पर आर्थिक स्वावलम्बन प्राप्त करके अविवाहित जीवन भी व्यतीत कर सकती हैं।
किसी भी दृष्टिकोण से विचार किया जाए यह नितान्त आवश्यक है कि नारी को वर्तमान दुरावस्था में न पड़ा रहने देकर उसे ऊपर उठाया जाए, आगे बढ़ाया जाए। उसकी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ने से हानि किसी की नहीं, लाभ सभी का है। पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर प्रत्येक क्षेत्र में उसे सहयोग देने वाली नारी, इस वंचित, अशिक्षित, अनुभवहीन, अयोग्य एवं भार रूप नारी की अपेक्षा कहीं अधिक उपयोगी सिद्ध होगी। विवेक की पुकार यही है कि स्वार्थ और परमार्थ की दृष्टि से, न्याय और कर्त्तव्य की दृष्टि से, नारी के विकास में सहयोग दें- बाधक न बनें।
.... समाप्त
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
अखण्ड ज्योति -दिसंबर 1960 पृष्ठ 29
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