एक सुंदर शुरुआत के साथ आयोजित हुआ पहला ज्ञानकुंभ
शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर प्रथम ज्ञानकुंभ समारोह का आयोजन देव संस्कृति विश्वविद्यालय में
मौक़ा है पहले ज्ञान कुंभ का तो ज्ञान रस से परिपूर्ण मानव कल्याण के कुंभ में शामिल होने का दस्तूर भी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन और पथ प्रदर्शन हो सके।
‘शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर दो दिवसीय प्रथम ज्ञानकुंभ समारोह का आयोजन देव संस्कृति विश्वविद्यालय में किया गया।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी के साथ आज मुख्य अतिथि के रूप में माननीय शिक्षा मंत्री आदरणीय डॉ. धन सिंह रावत जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास केंद्र के राष्ट्रीय सचिव आदरणीय डॉ. अतुल कोठारी जी एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव आदरणीया पंकज मित्तल जी की उपस्थिति रही।
ज्ञानकुंभ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र से पूर्व के परिसर में सभी सम्माननीय अतिथियों द्वारा प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर, शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
हरिद्वार महज कुंभनगरी ही नहीं बल्कि ज्ञान कुंभ का केन्द्र भी बने, इसी संकल्प के साथ ये पहला कदम है।