देव संस्कृति विश्वविद्यालय में व्याख्यानमाला का हुआ आयोजन !
गुजरात के माननीय राज्यपाल आदरणीय आचार्य देवव्रत जी का सपरिवार देसंविवि एवं शांतिकुंज आगमन हुआ। विश्वविद्यालय आगमन पर प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। माननीय आचार्य देवव्रत जी ने प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर देश की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की याद में बनी शौर्य दीवार में पुष्पांजलि अर्पित की और सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को नमन किया। आदरणीय प्रतिकुलपति महोदय जी ने एशिया के प्रथम बाल्टिक केंद्र, स्वावलंबन केन्द्र सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकल्पों की गतिविधियों से अवगत कराया।
इस अवसर में देसंविवि के मृत्युंजय सभागार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय आचार्य देवव्रत, देसंविवि के कुलपति आदरणीय शरद पारधी जी , प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी एवं गुजरात प्राकृतिक खेती विज्ञान विवि के कुलपति आदरणीय डॉ. सी. के. टिम्बड़िया ने संयुक्त रूप से किया।
समापन अवसर पर परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य शास्त्र प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही देसंविवि की विभिन्न पत्रिकाओं का विमोचन किया गया। देसंविवि के आदरणीय प्रतिकुलपति जी ने आचार्य देवव्रत जी को स्मृति चिह्न आदि देकर सम्मानित किया।
पश्चात् माननीय राज्यपाल महोदय शांतिकुंज पहुँचे और अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय परम श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं परम श्रद्धेया शैलजीजी से भेंट कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। श्रद्धेयद्वय ने मंगल तिलक कर उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना की एवं युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा रचित युग साहित्य, गायत्री महामंत्र चादर आदि भेंटकर सम्मानित किया।