आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या ने चिखली-गुजरात में गायत्री केंद्र और गणदेवी प्रज्ञापीठ का दर्शन कर समाज निर्माण और आध्यात्मिक उत्थान पर दी प्रेरणा
|| 24 जनवरी, 2025, चिखली-गुजरात ||
पाँच दिवसीय (गुजरात) प्रवास के अंतिम दिन, अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने गणदेवी प्रज्ञापीठ और चिखली स्थित गायत्री केंद्र का दर्शन कर वहाँ की दिव्य ऊर्जा का अनुभव किया। ये पवित्र स्थल पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक संदेश और विचारधारा का जीवंत प्रतीक हैं, जो जनमानस में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से समर्पित हैं।
इस अवसर पर डॉ. पंड्या जी ने स्थानीय गायत्री परिजनों से आत्मीय भेंट की और उनके साथ विचार-विमर्श किया। इस संवाद में उन्होंने पूज्य गुरुदेव के जीवनदर्शन पर चर्चा करते हुए समाज निर्माण, आध्यात्मिक उत्थान और व्यक्तिगत विकास पर प्रकाश डाला।
इसी क्रम में डॉ. पंड्या जी ने माँ भगवती अन्नक्षेत्र, गरुड़ेश्वर में भी दर्शन और प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह पावन स्थल सेवा और समर्पण का जीवंत प्रतीक है।