राजपिपला में 108 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की प्रेरणादायक उपस्थिति
|| 24 जनवरी, 2025, राजपिपला- गुजरात ||
अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने गुजरात प्रवास के दौरान नर्मदा ज़िले के राजपिपला में आयोजित 108 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ के भव्य आयोजन में सहभागिता की। इस अवसर पर आसपास के क्षेत्रों से पधारे हजारों गायत्री परिजनों ने उनका भावपूर्ण स्वागत किया। डॉ. पंड्या जी ने सभी परिजनों से आत्मीय भेंट की, जिससे यह पावन आयोजन और भी प्रेरणादायी बन गया।
अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में डॉ. पंड्या जी ने गायत्री मंत्र का उद्देश्य बताते हुए मनुष्य जीवन के सुअवसर को पहचानने और पूज्य गुरुदेव के संरक्षण में जीवन को धन्य बनाने की प्रेरणा दी।
डॉ. पंड्या जी ने इस बात पर भी बल दिया कि गायत्री परिवार का उद्देश्य भटके हुए को दिशा देना, दुखियों को प्रेम देना, और इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिए भावनाओं की शक्ति का उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि केवल सच्ची और शुद्ध भावनाएँ ही दुनिया को बदलने की शक्ति रखती हैं।