दिवंगत देवात्माओं को भावभरी श्रद्धांजलि
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श्री रमेश श्रीवास्तव, भोपाल। मध्य प्रदेश
सत्यवती द्विवेदी, भिलाई, दुर्ग। छत्तीसगढ़
श्रीमती वनमाला उत्तलवार, राजनांदगाँव। छत्तीसगढ़ गायत्री परिवार
भोपाल ने श्री रमेश श्रीवास्तव जी के रूप में एक अत्यंत कुशल संगठक, आदर्श स्वयंसेवक, गुरू केआदर्शों के प्रति पूरी तरह से समर्पित युग निर्माणी खो दिया। नवरात्र काल में दिनांक 13 अप्रैल 2024 को वे पूज्य गुरूदेव एवं वंदनीया माताजी की सूक्ष्म चेतना में विलीन हो गए।
श्री रमेश श्रीवास्तव जी भोपाल के जिला समन्वयक रहे। अपने कार्यकाल में उन्होंने अपना समय, अपना धन लगाकर शक्तिपीठ और मिशन की प्रगति में आ रही अनेक अड़चनों को दूर किया। सजल श्रद्धा - प्रखर प्रज्ञा से लेकर अश्वमेध भवन तक एक भव्य शेड बनाया, श्रीराम स्मृति उपवन में ट्यूबवेल लगवाया।
उन्होंने गुरूदेव के जन्म शताब्दी वर्ष में 1 करोड़ रूपये का अनुदान दिया था। वे अत्यंत कर्मठ कार्यकर्ता थे। उन्होंने श्रीराम शर्मा आचार्य
मार्ग की सभी कॉलोनियों में जा कर मंडल गठन किये, साप्ताहिक
गोष्ठी एवं सत्संग प्रारंभ कराया। अखंड ज्योति, प्रज्ञा पाक्षिक व युग
निर्माण पत्रिकाओं की सदस्यता एवं संस्कारों के माध्यम से सैकड़ों
परिवारों को मिशन से जोड़ा। उनकी अंतिम यात्रा गायत्री शक्तिपीठ पर भी पहुँची, जहाँ सैकड़ों कार्यकर्त्ताओं ने अत्यंत नम आँखों से श्रद्धांजलि
अर्पित करते हुए दिवंगत जीवात्मा को शान्ति-सद्गति की प्रार्थना के
साथ विदा किया।
सत्यवती द्विवेदी, भिलाई, दुर्ग। छत्तीसगढ
वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र श्री पवन कुमार द्विवेदी (हुडको, भिलाई) की सहधर्मिणी,
78 वर्षीया श्रीमती सत्यवती द्विवेदी विगत रामनवमी-17 अप्रैल 2024
के दिन स्थूल काया को त्याग कर अपने गुरूधाम को प्रयाण कर गई।
उन्होंने गायत्री तपोभूमि मथुरा में सन् 1968 में परम पूज्य गुरूदेव से
दीक्षा ली थी। तत्पश्चात् शान्तिकुञ्ज में अनेक जीवन साधना सत्र, युग
शिल्पी सत्र, त्रैमासिक महिला जागरण सत्र में भाग लिया। उन्हें एक
वर्षीय कन्या प्रशिक्षण सत्र में भी भाग लेने का सौभाग्य मिला।
हमेशा गुरूकार्य करने के लिए तत्पर रहीं स्व. सत्यवती द्विवेदी जी अपने प्यार भरे सहयोग, अटूट श्रद्धा-विश्वास तथा परिवार को श्रेष्ठ संस्कार देने के लिए स्वजनों एवं परिजनों के हृदय में विराजमान रहेंगी।
श्रीमती वनमाला उत्तलवार, राजनांदगाँव। छत्तीसगढ
गायत्री परिवार की समर्पित कार्यकर्त्ता श्रीमती वनमाला उत्तलवार का दिनांक 9 मई को देहावसान हो गया। वे 82 वर्ष की थीं।
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