शान्तिकुंज - कायाकल्प के लिए बनी एक अकादमी
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3663/0.jpg-VLxJcpIn6sgj93)
मित्रो! सरकारी स्कूलों-कॉलेजों में आपने देखा होगा कि वहाँ बोर्डिंग फीस अलग देनी पड़ती है। पढ़ाई की फीस अलग देनी पड़ती है, लाइब्रेरी फीस अलग व ट्यूशन फीस अलग। लेकिन हमने यह हिम्मत की है कि कानी कौड़ी की भी फीस किसी के ऊपर लागू नहीं की जाएगी। यही विशेषता नालन्दा-तक्षशिला विश्वविद्यालय में भी थी। वही हमने भी की है, लेकिन बुलाया केवल उन्हीं को है, जो समर्थ हों, शरीर या मन से बूढ़े न हो गए हों, जिनमें क्षमता हो, जो पढ़े-लिखे हों। इस तरह के लोग आयेंगे तो ठीक है, नहीं तो अपनी नानी को, दादी को, मौसी को, पड़ोसन को लेकर के यहाँ कबाड़खाना इकट्ठा कर देंगे तो यह विश्वविद्यालय नहीं रहेगा? फिर तो यह धर्मशाला हो जाएगी साक्षात् नरक हो जाएगा। इसे नरक मत बनाइए आप। जो लायक हों वे यहाँ की ट्रेनिंग प्राप्त करने आएँ और हमारे प्राण, हमारे जीवट से लाभ उठाना चाहें, चाहे हम रहें या न रहें, वे लोग आएँ।
प्रतिभावानों के लिए निमन्त्रण है, बुड्ढों, अशिक्षितों, उजड्डों के लिए निमन्त्रण नहीं है। आप कबाड़खाने को लेकर आएँगे तो हम आपको दूसरे तरीके से रखेंगे, दूसरे दिन विदा कर देंगे। आप हमारी व्यवस्था बिगाड़ेंगे? हमने न जाने क्या-क्या विचार किया है और आप अपनी सुविधा के लिए धर्मशाला का लाभ उठाना चाहते हैं? नहीं, यह धर्मशाला नहीं है। यह कॉलेज है, विश्वविद्यालय है। कायाकल्प के लिए बनी एक अकादमी है। हमारे सतयुगी सपनों का महल है। आपमें से जिन्हें आदमी बनना हो, इस विद्यालय की संजीवनी विद्या सीखने के लिए आमन्त्रण है। कैसे जीवन को ऊँचा उठाया जाता है, समाज की समस्याओं का कैसे हल किया जाता है? यह आप लोगों को सिखाया जाएगा। दावत है आप सबको। आप सबमें जो विचारशील हों, भावनाशील हों, हमारे इस कार्यक्रम का लाभ उठाएँ। अपने को धन्य बनाएँ और हमको भी।
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
वाङमय-नं-६८-पेज-१.४१
Recent Post
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3691/IMG-20210620-WA0067-1024x827.jpg-VwsM20ydAZb2k)
स्वर्ण जयंती वर्ष में शांतिकुंज पर जारी डाक टिकट शांतिकुंज में उपलब्ध।
पांच रुपए प्रति एक टिकट के दर पर मुख्य कार्यालय शांतिकुंज के टेलीफोन नंबर 9258369701 एवं 01334261328 पर कॉल करके आप इसे अपने पते पर बुला सकते है।
दिनांक 20 जून 2021 को गंगा दशहरा गायत्री ...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3687/Sutra No 2 (1).jpg-8DHNkYvBH9Zj93)
विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन (भाग १)
संसार में अवाँछनीयता कम और उत्कृष्टता अधिक है। तभी तो यह संसार अब तक जीवित है। यदि पाप अधिक और पुण्य स्वल्प रहा होता तो अब तक यह दुनिया श्मशान बन गई होती। यहाँ सत्य, शिव और सुन्दर इन तीनों में से ए...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3686/102 (2).jpg-exgUoXUX-FYj93)
विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन (भाग २)
दिन-दहाड़े सरे-बाजार गुण्डागर्दी होती रहती है और यह भले बनने वाले लोग चुपचाप उस तमाशे को देखते रहते हैं। गुण्डों की हिम्मत बढ़ती है और वे आये दिन दूने उत्साह से वैसी ही हरकतें करते हैं। यदि देखने व...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3685/408.jpg-Hi2J2U5ev_62k)
विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन (भाग ३)
भगवान बुद्ध ने तत्कालीन अनाचारों के- मूढ़ मान्यताओं के विरुद्ध प्रचण्ड क्रान्ति खड़ी की थी, इसी संघर्ष से जूझने के लिए उन्होंने जीवधारी भिक्षुओं और श्रवणों की सेना खड़ी की थी। स्वार्थ के लिए तो सभी...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3684/351 (1).jpg-oV18dXGHByYj93)
विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन (भाग ४)
यज्ञ सन्दर्भ में एक श्रुति वचन प्रयोग होता है- ‘‘मन्यु रसि मन्यु मे दहि’’ हे भगवान् आप ‘मन्यु’ हैं हमें ‘मन्यु’ प्रदान करें। मन्यु का अर्थ है वह क्रो...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3683/265.jpg-QW3sF0FQKz62k)
विरोध न करना पाप का परोक्ष समर्थन (अंतिम भाग)
“चोर-चोर मौसेरे भाई” की उक्ति हर क्षेत्र में लागू होते देखते हैं। एक का पर्दाफाश होते ही-दूसरे अन्य मठकटे उसकी सहायता के लिए आ धमकते हैं। सोचते हैं संयुक्त मोर्चा बनाकर ही जन आक्रोश से ...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3682/hamari Part 15A (4).jpg-z-SKQlt0eqYj93)
चाहिए साहसी, जिम्मेदार:-
युग निर्माण योजना, शतसूत्री कार्यक्रमों में बँटी हुई है। वे यथास्थान, यथास्थिति, यथासंभव कार्यान्वित भी किए जा रहे हैं, पर एक कार्यक्रम अनिवार्य है और वह यह कि इस विचारधारा को जन-मानस में अधिकाधिक ...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3681/GM 222 (1).jpg-x_baVhHVLmYj93)
उपहासास्पद ओछे दृष्टिकोण-
यों ऐसे भी लोग हमारे संपर्क में आते हैं जो ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के लिए कुण्डलिनी जागरण, चक्र जागरण और न जाने क्या-क्या आध्यात्मिक लाभ चुटकी मारते प्राप्त करने के लिए अपनी अधीरता व्यक्त करते है...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3680/120_11H.jpg-83BAFXsv_y62k)
जिनमें साहस हो आगे आवें
हमारा निज का कुछ भी कार्य या प्रयोजन नहीं है। मानवता का पुनरुत्थान होने जा रहा है। ईश्वर उसे पूरा करने वाले हैं। दिव्य आत्माएँ उसी दिशा में कार्य कर भी रही हैं। उज्ज्वल भविष्य की आत्मा उदय हो रही ह...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3679/meditation-3338691_960_720.jpg-THFXmdM_YgYj93)
उत्थान और आनन्द का मार्ग
इन थोड़ी सी पंक्तियों में यह विस्तारपूर्वक नहीं बताया जा सकता कि मन की मलीनता को हटा देने पर हम पतन और संताप से कितने बचे रह सकते हैं, और मन को स्वच्छ रखकर उत्थान और आनन्द का कितना अधिक लाभ प्राप्त...