Magazine - Year 1965 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
Quotation
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
परस्वानाँ च हरणं परदाराभिमर्शनम्।
सुहृदामतिशंका च त्रर्यो दोषाः क्षयावहाः॥
दूसरों के धनों का अपहरण, दूसरों की स्त्रियों के साथ अनुचित सम्बन्ध और मित्रों के प्रति अति शंका- ये तीन मनुष्य का नाश कर देते हैं।