Magazine - Year 1978 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
सन्त तिरुवल्लुवर (kahani)
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
एक जिज्ञासु ने सन्त तिरुवल्लुवर से प्रश्न किया गुरुदेव कभी भगवान को भी हँसी आती है? संत ने उत्तर दिया-दो अवसरों पर भगवान् हँसता है। जब डॉक्टर रोगी की माँ से कहता है-‘‘घबराओ मत, मैं तुम्हारे लड़के को बिल्कुल ठीक कर दूँगा। भगवान् हँस कर कहता है। “मैं तो इसकी जान लेने वाला था क्योंकि इसकी आयु समाप्त हो गई है, परन्तु इस व्यक्ति को जिसे मैंने माध्यम भर बनाया है इसे बचा लेने की गर्वोक्त बात करता है।”
पुनः भगवान तब हँसा जब उसने देखा कि जमीन के किसी टुकड़े के विषय में दोनों भाई लड़ते-झगड़ते मारने मरने पर उतारू हो गए। ईश्वर ने कहा-‘‘यह सारा विश्व तो मेरा है तिस पर अपने क्षणिक से जीवन में अस्थाई व नाशवान चीजों के लिए ये लड़ने वाले कैसे नादान हैं।
----***----
अपनों से अपनी बात-