Books - हारिए न हिम्मत
Media: TEXT
Language: EN
Language: EN
लगन और श्रम का महत्व
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
लगन आदमी के अंदर हो तो सौ गुना काम करा लेती है। इतना काम
करा लेती है कि हमारे काम को देखकर आपको आश्चर्य होगा। इतना
साहित्य लिखने से लेकर इतना बड़ा संगठन खड़ा करने तक और इतनी
बड़ी क्रान्ति करने से लेकर इतने आश्रम बनाने तक जो काम शुरू
किये हैं वे कैसे हो गए? यह लगन और श्रम है।
यदि हमने श्रम से जी चुराया होता तो उसी तरीके से घटिया आदमी होकर के रह जाते जैसे कि अपना पेट पालना ही जिनके लिए मुश्किल हो जाता है। चोरी से, ठगी से, चालाकी से जहॉं कहीं भी मिलता पेट भरने के लिए, कपड़े पहनने के लिए और अपना मौज- शौक पूरा करने के लिए पैसा इकट्ठा करते रहते पर हमारा यह बड़ा काम संभव न हो पाता।
यदि हमने श्रम से जी चुराया होता तो उसी तरीके से घटिया आदमी होकर के रह जाते जैसे कि अपना पेट पालना ही जिनके लिए मुश्किल हो जाता है। चोरी से, ठगी से, चालाकी से जहॉं कहीं भी मिलता पेट भरने के लिए, कपड़े पहनने के लिए और अपना मौज- शौक पूरा करने के लिए पैसा इकट्ठा करते रहते पर हमारा यह बड़ा काम संभव न हो पाता।