महासमुंद के ग्राम मुढेना में स्थित गायत्री प्रज्ञापीठ पर माँ गायत्री की प्राण-प्रतिष्ठा और 24 कुंडीय महायज्ञ का आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की उपस्थिति में सफल आयोजन।
|| मुढेना, महासमुंद: छत्तीसगढ़, 05 जनवरी 2025 ||
परम पूज्य गुरुदेव द्वारा दो बार 1008 कुण्डीय यज्ञ संपन्न कराये जाने वाले ज़िले महासमुंद के ग्राम मुढेना में स्थित गायत्री प्रज्ञापीठ पर माँ गायत्री की प्राण-प्रतिष्ठा और 24 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और दिव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। इस पावन अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष रूप से प्रेरणादायी बना दिया।
सबसे पहले डॉ. पंड्या जी गायत्री प्रज्ञापीठ मुढेना पहुँचे और माँ गायत्री की प्राण-प्रतिष्ठा कर सबके मंगलमय जीवन और उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना की। तत्पश्चात् उन्होंने 24 कुंडीय महायज्ञ कार्यक्रम में पहुँचकर क्षेत्र के गणमान्य अतिथियों, प्रबुद्ध जनों और गायत्री परिजनों को संबोधित किया। अपने संबोधन में डॉ. पंड्या जी ने भगवान और उसके भक्त की भक्ती पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, “भक्त की पुकार ऐसी हो कि भगवान को आना ही पड़े, जीवन में आगे बढ़ने की चुनौती और जिम्मेदारी हमारी अपनी होती है, और ईश्वर हमारे प्रत्येक प्रयास में हमारा साथ देते हैं। वे हमारे मार्ग से बाधाओं को दूर करते हैं, हमारे साहस और आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए हमें अपनी क्षमता का आभास कराते हैं। लेकिन यह तब होता है जब हम पूर्ण आस्था और समर्पण के साथ कार्य करते हैं, तब हमारे भीतर का विश्वास हमें नई ऊँचाइयों तक ले जाता है।
समारोह के अंतर्गत आदरणीय डॉ. पंड्या जी के द्वारा उपस्थित विशिष्ट गायत्री परिजनों और क्षेत्र के सम्माननीय महानुभावों को देवस्थापना चित्र स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट कर उनका सम्मान किया गया। इस महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहुति अर्पित की और सामूहिक चेतना के इस उत्सव में भाग लिया।