गरियाबंद, छत्तीसगढ़: 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का संबोधन, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की गरिमामयी उपस्थिति
गरियाबंद: छत्तीसगढ़, 05 जनवरी 2025
छत्तीसगढ़ प्रवास के तृतीय दिवस के अंतिम चरण में, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी बाबा भूतेश्वर नाथ की नगरी गरियाबंद के गांधी मैदान में आयोजित 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के दीपमहायज्ञ कार्यक्रम में पधारे। इस पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय जी ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया।
डॉ. पंड्या जी ने अपने ओजस्वी संबोधन में पूज्य गुरुदेव के विचारों को उजागर करते हुए ”मनुष्य में देवत्व का उदय” के भाव को अपनाने एवं नशा मुक्ति और समाज के आत्मसुधार की आवश्यकता पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “नशा केवल व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक क्षमताओं का ह्रास नहीं करता, बल्कि यह उसके परिवार और समाज की नींव को भी कमजोर करता है। नशा मनुष्य को उसकी वास्तविकता से दूर कर देता है। गुरुदेव हमें सिखाते हैं कि एक नशा मुक्त समाज ही उज्ज्वल समाज का निर्माण कर सकता है।“
माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने उद्बोधन में गायत्री परिवार द्वारा किये जारहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि “गायत्री परिवार के द्वारा चलाये जारहे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जितने कार्य किये जारहे हैं उनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।” इसके साथ ही वो गायत्री परिवार के द्वारा चलाये जारहे नशामुक्ति संकल्प के साक्षी भी बने।
इस विशेष अवसर पर गायत्री परिवार के वरिष्ठ गणमान्यों एवं छत्तीसगढ़ राज्य के शासन एवं प्रशासन क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित सम्माननीय जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति से आयोजन की महत्ता को और बढ़ाया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने मंच पर पधारे हुए सभी गणमान्यों, विशिष्ट अतिथियों एवं मुख़्य अतिथि जी को गायत्रीमंत्र चादर के साथ परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य और स्मृतिचिन्ह भेंट कर विशेष सम्मान करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज आने का सादर आमंत्रण दिया।
कार्यक्रम उपरांत आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी शिष्टाचार भेंट हेतु मुख्यमंत्री आवास पधारे।