Our heartiest greetings to you and your family on the auspicious occasion of Guru Poornima Parva (which falls on July 16 this year). This Parva is celebrated to rededicate ourselves to the principles and practices taught by our Spiritual Master (whom we call Poojya Gurudev) and in turn get blessed by him from the subtle – causal realms.
In order to give impetus to the activities of Yug Nirman Mission, Poojya Gurudev urged his followers to bring about upliftment in the quality of their lives. In this connection, the guidelines circulated by him are given here.
The members of Gayatri Pariwar (Pragya Parijans) have to perform the double role as spiritual aspirants and social welfare workers.
1. True purpose of life and the way to achieve it
Think, each morning as a new birth and each night a death. Keep company of the enlightened and the wise. Chant at least three rosaries of Gayatri Mantra daily, meditating on the effulgence of Sun with deep reverence.
2. Diligence
Time is life. Keeping this fact in mind, each moment need be devoted to diligent work. Ensure that the work undertaken is done sincerely, steadfastly and with perfection.
3.Tidiness
Be a lover of beauty. Cleanliness, simplicity and good-taste jointly form beauty. In this context, be vigilant and careful about your own body, clothes, bed-roll, home and place of work.
4. Exemplary Conduct
Respectful and refined talk combined with gracefulness is an important component of exemplary conduct.
5. Restraints
Realize the capabilities you have attained as regards your human efforts, time, thought, money and talent and think of further developing the same. Never allow even a moment to go waste.
6. Intimacy of Soul Kinship
Be a retrospective, but do not suffer the curse of isolation. Live and work together with others harmoniously. Consider yourself a part of the society and your well-being as a part of the public good.
7. Use discernment regarding customs and rituals
Adopt foresightedness and discernment regarding the welfare of the masses, instead of giving importance to popular views. If popular customs are undesirable, never get swayed by them. To every aspect of personal and social life apply your own judicious intelligence. Support righteousness and oppose unrighteousness. This rule need be followed in every case, even if it is the case of your own self or of your friends or relatives.
A Mega Tree Plantation Initiative to start from Guru Poornima - 5 July till Raksha Bandhan - 3 Aug 2020.
Tree has very important place in Indian Culture. Poojya Gurudev has given very importance to tree plantation & specified its dire need in current global warming situation. On the occasion of GuruPoornima let us all pledge to run & participate on tree plantation drive from Guru Poornima to Rakshan Bandhan. The details are below..
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यूँ तो वर्ष भर परिजन वृक्ष लगाते हैं किन्तु एक लक्ष्य लेकर वर्षा के इस समय पौधा लगाना अपेक्षाकृत सरल होता है । चातुर्मास के इस पवित्र काल में यह पुण्य काम अधिक फलदायी हो सकता है । इस वर्ष के लिए वृक्षारोपण के निम्नलिखित प्रकल्प प्रस्तावित है | कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी रूचि एवं सम्भावना अनुसार एकाधिक प्रकल्प हाथ में लिए जा सकते हैं |
01 . माताजी की बाड़ी - प्रत्येक देव परिवार जिनके पास आँगन / छत / बालकोनी में ३ x ३ की जगह उपलब्ध हो वे माताजी की बाड़ी (घरेलू रोपणी ) में 50 पौधे अपने यहाँ स्थापित करे तथा वर्ष, 2021 तक पौधों का पालन पोषण कर बड़ा करे लें |
02 . श्रद्धा रोपणी - प्रत्येक शक्तिपीठ अपने यहाँ एक १० x १० की रोपणी तैयार करे जिसमें 500-1000 पौधे तैयार हो सकते हैं | इन पौधों को जन्मदिन, विवाहदिन पर तरूप्रसाद के रूप मे उपयोग कर सकते हैं |
03 . उपरोक्त १ एवं २ में जो पौधे तैयार होंगे उन्हें 2021 में शान्तिकुन्ज की स्वर्ण जयन्ती पर देश में " शान्तिकुन्ज स्वर्ण जयन्ती वनों " में उपयोग किया जायेगा ।
04 . शान्तिकुन्ज की स्वर्ण जयन्ती की स्मृति में वृहद् वृक्षारोपण हेतु अपने क्षेत्र में खाली भूमि/टेकरी/पहाड़ी/विद्यालय/नदी के तट को गोद लेकर उसे " शान्तिकुन्ज स्वर्ण जयन्ती वन " के रूप में विकसित करें तथा तरु पुत्र योजनान्तर्गत सामूहिक वृक्षारोपण हेतु भी उपयोग किया जा सकता है ।
05 . गमलों में स्वास्थ्य - चयनित २० वनौषधियों को घर पर गमलों में रोपण कर सामान्य स्वास्थ्य रक्षण करना ।
06 . लघु आरोग्य वाटिका - कोविद -१९ के संकट से जीवन रक्षा एवं अपने परिवारजनों को जीवनी शक्ति विकास के लिए अपने घर पर गमलों में जीवनी शक्ति वर्धक वनौषधियों यथा - तुलसी , अमृता (गिलोय ) , घृतकुमारी (एलोवेरा ) , आज्ञाघास , वासा (अडूसा ), हल्दी ,अदरक , कालमेध , शरपुंखा आदि का रोपण करें |
07. शाक वाटिका - घर घर में आंगनबाडी का विकास करना जिससे परिजनों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना एवं पारिवारिक पोषण हेतु रसायन रहित शाक उपलब्ध कराना ।
08 . बीज बम - इस मौसम में उपलब्ध फलों यथा, आम, जामुन, बेल आदि के बीजों को गोबरयुक्त मिट्टी के गोले बना कर उनमें बीच में रखना बाद में आसपास के खाली स्थानों पर, या यात्रा के दौरान जंगलों में उचित स्थान पर रख देना जिससे वर्षा होते ही उनमें से अंकुर निकलेंगे ।
09. तुलसी वृन्दावन की स्थापना - घर-घर में तुलसी के बिरवे की स्थापना एवं तुलसी के पौधों का वितरण ।
10. एक परिजन एक वृक्ष - यदि और कुछ नहीं कर सकें तो इतना तो अवश्य किया जा सकता है कि इस अवधि में हमारे परिजन एक वृक्ष तो अवश्य लगायें। होना तो यह चाहिये कि परिवार में चार सदस्य हों तो कम से कम चार पौधे तो अवश्य लगायें, उनकी कम से कम एक वर्ष पूरी देखभाल करें तो भी लाखों वृक्ष अल्प से प्रयास से लग जायेंगे। आपके परिवार द्वारा लगाये वृक्षों की संख्या हमें सीधे अथवा संगठन, शक्तिपीठ के माध्यम से अवश्य सूचित करें जिससे इस अवधि में लगे वृक्षों की संख्या ज्ञात हो सके।
11 . रक्षाबन्धन पर भाई-बहिन एक दूसरे के नाम का वृक्ष लगायें तथा तरु भेंट प्रदान करें।
Invitation
अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए गुरु पूर्णिमा से श्रावणी पर्व (रक्षाबंधन) तक वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है । इसके अंतर्गत देश के विभिन्न स्थानों पर तरु पुत्र - तरु मित्र बनाकर वृक्षों का रोपण किया जायेगा । इस वृहद वृक्षारोपण अभियान में आप सभी आमंत्रित है ।
संपर्क सूत्र - 9258360652, 9258360962
ईमेल - youthcell@awgp.org