108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ से जगमगा उठी अहमदाबाद की धरती

हरिद्वार 11 अप्रैल।
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के निर्देशन में गुजरात के अहमदाबाद में 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। संगीतमय देवपूजन एवं यज्ञीय कर्मकाण्ड के वैदिक मंत्रोच्चार से अहमदाबाद की धरती का जगमगा उठी। शांतिकुंज से पधारे विद्वान आचार्यों ने जब गेय स्वर में और विलम्बित गति से वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया, तो ऐसा प्रतीत हुआ मानो देवगण स्वयं प्रसन्न होकर उपस्थित जनसमुदाय को आशीर्वाद प्रदान कर रहे हों। शांत मंद समीर में बहते मंत्रों की ध्वनि से यज्ञ स्थल एक आध्यात्मिक तीर्थ में परिवर्तित हो गया। याजकों ने इस अविस्मरणीय पल की दिव्य अनुभूति की। शंखनाद और घण्टियों की मधुर ध्वनि ने मानो सम्पूर्ण वातावरण को पावन बना दिया।
यज्ञ कई पारियों में हजारों याजकों ने राष्ट्र के जागरण के लिए विशेष वैदिक मंत्रों के साथ आहुतियां दी गयी।
और जीवन को सत्कर्म, स्वाध्याय एवं साधना से सजाने का संकल्प लिया। देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या के मार्गदर्शन में यज्ञ के माध्यम से जन-जन को आत्मिक उन्नयन, राष्ट्र निर्माण और पर्यावरण शुद्धि का संदेश मिला।
इस अवसर पर विशेष रूप से हरिद्वार से अहमदाबाद पहुंचे युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यज्ञ एक दैवीय कार्य है। आज का दिन गहरी पुकार लेकर आया है। यहां आप सभी मात्र यज्ञ करने नहीं, बल्कि भारत एवं भारतीय संस्कृति को गढ़ने आए हैं। यह समय राष्ट्र के जागरण का है। युवा आइकॉन ने कहा कि सौभाग्य उसी के जीवन में आता है, जो अवसर को पहचानने की शक्ति एवं सामर्थ्य रखता है। यज्ञ के समापन से पूर्व युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री द्वारा दिए गए गीता के 18 अध्याय की तरह 18 सत्संकल्प को दोहराया गया।
इस दौरान हजारों गायत्री याजकों के साथ स्थानीय गणमान्य नागरिक सहित श्री रामकृष्ण मिशन राजकोट के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। युवा आइकॉन ने स्वामी निखिलेश्वरानंद जी को हस्तनिर्मित जूट बैग एवं गायत्री मंत्र दुपट्टा आदि देकर सम्मानित किया।
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