शांतिकुंज व देसंविवि में उत्साहपूर्वक मनाई गयी होली
हरिद्वार 26 मार्च।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय तथा गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में रंग, गुलाल और अबीर से एक- दूसरे को सराबोर करते हुए होली के प्रेरणा गीतों के साथ रंगों का त्योहार होली हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शांतिकुंज के श्रीरामपुरम के मैदान में होलिका जलाई गयी। जिसमें सैकड़ों लोगों के प्रतिनिधि के रूप में गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या व श्रद्धेया शैलदीदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होली पर्व का पूजन सम्पन्न कराया।
इस अवसर पर श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि जाति, वर्ग भेद के उन्मूलन का महापर्व है- होली। होली के अवसर पर दुर्भावों को मिटाने के लिए आगे आने की जरुरत है। श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने कहा कि समाज की ऊर्जा को कुयोग से बचाकर सुयोग में लगाने को विचार क्रांति अभियान का एक महत्त्वपूर्ण चरण मानकर इसे व्यापक रूप दिया जाना चाहिए। वहीं शांतिकुंंज अधिष्ठात्री स्नेहसलिला श्रद्धेया शैलदीदी ने शांतिकुंज के अंतेवासी, देवसंस्कृति विवि परिवार, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के वैज्ञानिक व परिवार सहित देश-विदेश से आये हजारों लोगों को अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएँ दी।
इसके बाद श्रीरामपुरम् मैदान में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में होली का उत्सव मनाया गया। जहाँ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या की अगुवाई में गुलाल, अबीर एक दूसरे को लगाये और संगीत विभाग के भाइयों ने प्रेरणागीत प्रस्तुत कर उत्साह को दोगुना कर दिया। होली आई आई रे, गुझिया लाई लाई रे, रंग बसंती प्रभा केसरी जैसे अनेक प्रेरणाप्रद गीतों में लोग झूमे। देसंविवि के विद्यार्थियों के साथ विदेशी मेहमान भी अबीर गुलाल के साथ होली के रंग में रंगे दिखाई दिये। पश्चात शांतिकुंज कार्यकर्ता एक-दूसरे के घर पहुंचे और गुलाल लगाकर एक-दूसरे को होली की बधाई दी। बधाई देने का क्रम देर शाम तक जारी रहा।
शांतिकुंज मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार गायत्री चेतना केन्द्र पिस्कॉटवे, न्यूजर्सी, अमेरिका सहित देश विदेश में फैले प्रज्ञा संस्थानों में करोड़ों गायत्री परिवार ने अश्लीलता निवारण होली मनाई।
Recent Post
कौशाम्बी जनपद में 4 दिवसीय 24 कुण्डीय शक्तिसंवर्धन गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
● 28 नवंबर को सायंकालीन 2400 दीपों से दीपयज्ञ का हुआ आयोजन
● सैकड़ों परिजनों ने यज्ञ के साथ कराए विभिन्न संस्कार, महिलाओं ने धारण किया यज्ञोपवीत
● प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से प...
24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को लेकर जोर शोर से चल रही हैं तैयारियां
कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम 26 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारिया...
कौशाम्बी जनपद में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 नवंबर से 29 नवंबर तक
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार की जनपद इकाई के द्वारा करारी नगर में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन 26 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह कार्यक्रम 26 से प्रारंभ होकर 29...
चिन्तन कम ही कीजिए।
*क्या आप अत्याधिक चिन्तनशील प्रकृति के हैं? सारे दिन अपनी बाबत कुछ न कुछ गंभीरता से सोचा ही करते हैं? कल हमारे व्यापार में हानि होगी या लाभ, बाजार के भाव ऊँचे जायेंगे, या नीचे गिरेंगे।* अमुक ...
भारत, भारतीयता और करवाचौथ पर्व
करवा चौथ भारतीय संस्कृति में एक विशेष और पवित्र पर्व है, जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए मनाती हैं। इस व्रत का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अत्यधिक...
प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्नता का राजमार्ग (भाग 4)
बुराई की शक्ति अपनी सम्पूर्ण प्रबलता के साथ टक्कर लेती है। इसमें सन्देह नहीं है। ऐसे भी व्यक्ति संसार में हैं जिनसे ‘‘कुशल क्षेम तो है’’ पूछने पर ‘‘आपको क्...
घृणा का स्थान
निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह निंदा का ही भय है, जो दुराचारियों पर अंकुश का काम करता है। यह क्रोध ही है,...
अनेकता में एकता-देव - संस्कृति की विशेषता
यहाँ एक बात याद रखनी चाहिए कि संस्कृति का माता की तरह अत्यंत विशाल हृदय है। धर्म सम्प्रदाय उसके छोटे-छोटे बाल-बच्चों की तरह हैं, जो आकृति-प्रकृति में एक-दूसरे से अनमेल होते हुए भी माता की गोद में स...
प्रगति के पाँच आधार
अरस्तू ने एक शिष्य द्वारा उन्नति का मार्ग पूछे जाने पर उसे पाँच बातें बताई।
(1) अपना दायरा बढ़ाओ, संकीर्ण स्वार्थ परता से आगे बढ़कर सामाजिक बनो।
(...
कुसंगत में मत बैठो!
पानी जैसी जमीन पर बहता है, उसका गुण वैसा ही बदल जाता है। मनुष्य का स्वभाव भी अच्छे बुरे लोगों के अनुसार बदल जाता है। इसलिए चतुर मनुष्य बुरे लोगों का साथ करने से डरते हैं, लेकिन अच्छे व्यक्ति बुरे आ...