ज्योति कलश यात्रा के रथ का पूजन
मानव जन्म एक अनमोल उपहार-आदरणीय डॉ पंड्या
।। छीपड़ी, खेड़ा, गुजरात ।। अपने गुजरात प्रवास पर दिनांक 6 अप्रैल 2024 को अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी एवं आदरणीया शेफाली पंड्या जी १०८ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दीपमहायज्ञ में छीपड़ी पहुँचे, जहां सर्वप्रथम उन्होंने गायत्री शक्तिपीठ में मां गायत्री का पूजन कर प्रखर प्रज्ञा- सजल श्रद्धा को नमन किया। भगवान महाकाल को प्रणाम कर उन्होंने ज्योति कलश यात्रा के रथ का पूजन किया। इस दिव्य समय में उन्होंने नवनिर्मित यज्ञशाला का लोकार्पण कर परिजनों से भेंट की। तत्पश्चात् उन्होंने स्मृति भवन का लोकार्पण कर परम पूज्य गुरुदेव के स्मारक का दर्शन किया, ज्ञात हो कि सन् 1980 में परम पूज्य गुरुदेव इस गांव में 4 दिवस रुके थे और अपना आशीर्वाद परिजनों पर बरसाया था।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्यों एवं गायत्री परिजनों को उद्बोधन देते हुए उन्होंने कहा कि पूज्य गुरुदेव ने हमें दिए की तरह जलना सिखाया है। मानव जन्म एक अनमोल उपहार के रूप में भगवान द्वारा मिलता है तथा इसका सदुपयोग कर हमें जीवन को निहाल करना है। हमारा जीवन दूसरों के लिए प्रेरणा बनें। उन्होंने कहा संघर्ष से एवं प्रकाश को बिखेरने की प्रवृत्ति से हम अपना जीवन उज्ज्वल बनाएं तथा औरों को प्रेरणा प्रदान करें। इसके पूर्व उन्होंने गायत्री शक्तिपीठ लिमडी और दाहोद पहुंचकर पूजन किया और परिजनों से भेंट की।
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