पश्चिम बंगाल प्रवास के क्रम में आज गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी कलकत्ता पहुंचे
रामकृष्ण मिशन मुख्यालय बेलूर मठ में आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी
पश्चिम बंगाल प्रवास के क्रम में आज गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी कलकत्ता पहुंचे। विमानपत्तन पर गायत्री परिजनों द्वारा स्वागत एवं भेंट के उपरांत वे रामकृष्ण मिशन मुख्यालय बेलूर मठ पहुंचे। वहां रामकृष्ण मिशन के महासचिव संग परिसर अवस्थित ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया एवं मुख्य मन्दिर की आरती में भी सम्मिलित हुए। रामकृष्ण मिशन के उपाध्यक्ष पूज्य स्वामी भजनानंद जी से शिष्टाचार भेंट के पश्चात आद. डॉ. पंड्या काशीपुर उद्यान दर्शन प्रणाम हेतु पहुंचे जहां स्वामी रामकृष्ण परमहंसदेव की जीवनलीला का उत्तरार्द्ध पक्ष संपन्न हुआ था। अंत में स्वामी विवेकानन्द के जन्मस्थान के निकटतम गायत्री मंदिर का भी दर्शन एवं पूजन संपन्न किया गया।
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24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को लेकर जोर शोर से चल रही हैं तैयारियां
कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम 26 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारिया...
कौशाम्बी जनपद में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 नवंबर से 29 नवंबर तक
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार की जनपद इकाई के द्वारा करारी नगर में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन 26 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह कार्यक्रम 26 से प्रारंभ होकर 29...
चिन्तन कम ही कीजिए।
*क्या आप अत्याधिक चिन्तनशील प्रकृति के हैं? सारे दिन अपनी बाबत कुछ न कुछ गंभीरता से सोचा ही करते हैं? कल हमारे व्यापार में हानि होगी या लाभ, बाजार के भाव ऊँचे जायेंगे, या नीचे गिरेंगे।* अमुक ...
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प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्नता का राजमार्ग (भाग 4)
बुराई की शक्ति अपनी सम्पूर्ण प्रबलता के साथ टक्कर लेती है। इसमें सन्देह नहीं है। ऐसे भी व्यक्ति संसार में हैं जिनसे ‘‘कुशल क्षेम तो है’’ पूछने पर ‘‘आपको क्...
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निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह निंदा का ही भय है, जो दुराचारियों पर अंकुश का काम करता है। यह क्रोध ही है,...
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प्रगति के पाँच आधार
अरस्तू ने एक शिष्य द्वारा उन्नति का मार्ग पूछे जाने पर उसे पाँच बातें बताई।
(1) अपना दायरा बढ़ाओ, संकीर्ण स्वार्थ परता से आगे बढ़कर सामाजिक बनो।
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कुसंगत में मत बैठो!
पानी जैसी जमीन पर बहता है, उसका गुण वैसा ही बदल जाता है। मनुष्य का स्वभाव भी अच्छे बुरे लोगों के अनुसार बदल जाता है। इसलिए चतुर मनुष्य बुरे लोगों का साथ करने से डरते हैं, लेकिन अच्छे व्यक्ति बुरे आ...
अहिंसा और हिंसा
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