First Secretary at the Ghana High Commission His Excellency Mr. Conrad Nana Kojo Asiedu@ shantikunj and DSVV
With immense joy and reverence, we extend our heartfelt gratitude to His Excellency Mr. Conrad Nana Kojo Asiedu, First Secretary at the Ghana High Commission, for gracing us with his esteemed presence. It was an honor beyond measure to host such a distinguished guest.
During his visit, Mr. Asiedu was warmly welcomed by our Honorable Pro Vice-Chancellor, Dr. Chinmay Pandya, who graciously shared the profound essence of Indian sankriti and the significance of the Gayatri mantra.
Wandering through the sacred grounds of our University and experiencing the serenity of Shantikunj, Haridwar, Mr. Asiedu immersed himself in the spiritual aura that envelops our institution. Engaging with our students, he imparted wisdom and exchanged cultural insights, underscoring the noble objectives of Dev Sanskriti Vishwavidyalaya.
Recent Post
कौशाम्बी जनपद में 4 दिवसीय 24 कुण्डीय शक्तिसंवर्धन गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
● 28 नवंबर को सायंकालीन 2400 दीपों से दीपयज्ञ का हुआ आयोजन
● सैकड़ों परिजनों ने यज्ञ के साथ कराए विभिन्न संस्कार, महिलाओं ने धारण किया यज्ञोपवीत
● प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से प...
24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को लेकर जोर शोर से चल रही हैं तैयारियां
कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम 26 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारिया...
कौशाम्बी जनपद में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 नवंबर से 29 नवंबर तक
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार की जनपद इकाई के द्वारा करारी नगर में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन 26 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह कार्यक्रम 26 से प्रारंभ होकर 29...
चिन्तन कम ही कीजिए।
*क्या आप अत्याधिक चिन्तनशील प्रकृति के हैं? सारे दिन अपनी बाबत कुछ न कुछ गंभीरता से सोचा ही करते हैं? कल हमारे व्यापार में हानि होगी या लाभ, बाजार के भाव ऊँचे जायेंगे, या नीचे गिरेंगे।* अमुक ...
भारत, भारतीयता और करवाचौथ पर्व
करवा चौथ भारतीय संस्कृति में एक विशेष और पवित्र पर्व है, जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए मनाती हैं। इस व्रत का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अत्यधिक...
प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्नता का राजमार्ग (भाग 4)
बुराई की शक्ति अपनी सम्पूर्ण प्रबलता के साथ टक्कर लेती है। इसमें सन्देह नहीं है। ऐसे भी व्यक्ति संसार में हैं जिनसे ‘‘कुशल क्षेम तो है’’ पूछने पर ‘‘आपको क्...
घृणा का स्थान
निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह निंदा का ही भय है, जो दुराचारियों पर अंकुश का काम करता है। यह क्रोध ही है,...
अनेकता में एकता-देव - संस्कृति की विशेषता
यहाँ एक बात याद रखनी चाहिए कि संस्कृति का माता की तरह अत्यंत विशाल हृदय है। धर्म सम्प्रदाय उसके छोटे-छोटे बाल-बच्चों की तरह हैं, जो आकृति-प्रकृति में एक-दूसरे से अनमेल होते हुए भी माता की गोद में स...
प्रगति के पाँच आधार
अरस्तू ने एक शिष्य द्वारा उन्नति का मार्ग पूछे जाने पर उसे पाँच बातें बताई।
(1) अपना दायरा बढ़ाओ, संकीर्ण स्वार्थ परता से आगे बढ़कर सामाजिक बनो।
(...
कुसंगत में मत बैठो!
पानी जैसी जमीन पर बहता है, उसका गुण वैसा ही बदल जाता है। मनुष्य का स्वभाव भी अच्छे बुरे लोगों के अनुसार बदल जाता है। इसलिए चतुर मनुष्य बुरे लोगों का साथ करने से डरते हैं, लेकिन अच्छे व्यक्ति बुरे आ...