Magazine - Year 1941 - Version 2
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Language: HINDI
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दंभ मत करो
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(महात्मा ईसा के उपदेश)
जब तुम दान करो तो नगाड़े मत बजवाओ। जैसे कि दंभी लोग जरा सा शुभ-कर्म करते हैं और उसका ढिंढोरा गली-गली में पिटवाते हैं ताकि लोग उनकी बड़ाई करें। मैं तुम से सच कहता हूँ कि वे अपना फल पा चुके। जब तुम दान करो तो जो तुम्हारा दाहिना हाथ करता है उसे बाँया हाथ न जानने पाये। तुम्हारे गुप्त दान को अदृश्य पिता जानता है और वह बदला देना न भूलेगा।
जब तुम प्रार्थना करो तो धूर्तों की तरह चौराहों पर और हाट बाजारों में प्रदर्शन मत करो। अपने विज्ञान के लिये जो भजन करते हैं वे अपना फल पा चुके। एकान्त स्थान में सच्चे हृदय से जब तुम प्रार्थना करोगे तो घट-घट वासी पिता उसे देखेगा और बदला देगा। प्रार्थना करते समय गला फाड़ कर चिल्लाओ मत और न बहुत बक-बक करो। वे और ही लोग हैं जो समझते हैं कि हमारे बहुत बकने पर ही परमात्मा सुनेगा। तुम्हारे माँगने से पहले ही प्रभु जानते हैं कि तुम्हें क्या चाहिये। तुम इस प्रकार प्रार्थना करना कि ‘हे पिता तेरी जय हो ! तेरे पवित्र नाम को दुनिया समझे, तेरी इच्छा पूर्ण हो। हमारे अपराध क्षमा कर। हमें परीक्षा में न डाल, पर बुराई से बचा।’
तुम व्रत रखो तो पाखण्डियों की तरह अपने मुँह पर उदासी मत आने दो। जब तुम उपवास करो तो चेहरे पर प्रसन्नता बनाये रहो ताकि लोगों को नहीं पर अपने अदृश्य पिता को उपवासी दिखाई दो, परम पिता जो गुप्त बातों को भी जानता है तुम्हें बदला देगा।
यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा करोगे तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराधों को क्षमा करेगा। पर यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा न करोगे तो परम पिता भी तुम्हारे अपराधों को क्षमा न करेगा। सावधान रहो ! प्रदर्शन और ढोंग के साथ धर्म कार्य न करो, नहीं तो कुछ फल न पाओगे।