Magazine - Year 1943 - Version 2
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Language: HINDI
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महाराजा रणजीत सिंह की भविष्यवाणी
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(सेठ रामशरणदास जी पिलखुआ)
हिन्दू महासभा के नेता श्री चन्द्रगुप्त जी बेदालंकार कुछ दिन हुए पिलखुआ पधारे थे। उस समय आपकी एक पुस्तक ‘हिन्दु हृदय की धधकती ज्वाला’ हमें मिली। उसमें पंजाब के महाराजा जी रणजीत सिंह की बड़ी सुन्दर भविष्यवाणी का वर्णन है, जिसका साराँश यह हैः-
“परम पूज्य वाद प्रातः स्मरणीय जी महाराजा रणजीत सिंह जी जीवित थे। एक दिन एक अंग्रेज एक नक्शे के साथ महाराजा के दरबार में उपस्थित हुआ। नक्शे में कुछ लाल रंग था बाकी में सफेद। पूछने पर अंग्रेज ने कहा कि जो भाग नक्शे में लाल है वह अंग्रेजों के अधीन हो चुका है, और जो सफेद है वह बाकी बचा है। फिर कुछ झिझक कर बोला - ‘लेकिन बाकी सफेद भी लाल हो जायेगा।’
इस समय श्री महाराजा के सेनापति शाम सिंह भी पास बैठे थे वह बोले- महाराज! क्या इस तलवार के होते हुए भी ऐसा हो जायेगा? महाराजा रणजीत सिंह ने कहा- हाँ इसके होते हुए भी।
उनको दुखी देखकर महाराज बोले शामसिंह इसके लिए दुखी होना व्यर्थ है। होनहार को कोई रोक नहीं सकता। इसमें संदेह नहीं, कि एक बार यह पूरा नक्शा लाल हो जायेगा। पर जब समय पलटेगा, तब फिर से बदल जायेगा, शामसिंह ने पूछा- “ऐसा समय कब आयेगा? महाराज ने उत्तर दिया कि इसके सम्बन्ध में ठीक ठीक तो कुछ कहा नहीं जा सकता पर मुझे ऐसा जान पड़ता है कि 100 वर्ष बाद हालत बदलेगी और यहाँ के निवासी अपना शासन आप सम्भालने योग्य हो जायेंगे। उस समय वे स्वभाग्य निर्णय का अधिकार पा सकेंगे -सतयुग से