Magazine - Year 1943 - Version 2
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Language: HINDI
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मनुष्य को देवता बनाने वाली पुस्तकें
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जो ज्ञान युगों के प्रयत्न से मिलता है, उसे हम अनायास ही आपके समाने उपस्थित करते हैं।
यह बाजारू किताबें नहीं है, इनकी एक एक पंक्ति चिर कालीन अनुभव के आधार पर लिखी गई हैं!!
(1) मैं क्या हूँ?- इस पुस्तक में आत्मा के स्वरूप, गुण धर्म, कर्म, स्वभाव का बड़ी सरल सुबोध भाषा में वर्णन किया गया है, जिससे आत्म ज्ञान की गंभीर जानकारी हो जाती है। साथ ही कुछ ऐसे सुगम साधन बताये गये हैं जिनकी दस-पाँच मिनट भी नित्य किया जाय तो सूर्य के समान तेजस्वी आत्मा का प्रत्यक्ष दर्शन होने लगता है। मूल्य 1 )
(2) सूर्य चिकित्सा विज्ञान- सूर्य किरणों की सहायता से कठिन से कठिन आसध्य रोग भी अच्छे हो सकते है, इस पुस्तक में सूर्य की किरणों में से आवश्यकीतत्व खींच की बिना कौड़ी खर्च की दवा तैयार करना, रोगों का निदान चिकित्सा आदि सब बातों पर विस्तार पूर्वक लिखा गया है। जिससे मामूली पढ़ा लिखा आदमी कुछ ही दिनों में घर बैठे डॉक्टर बन सकता है और सैकड़ों रोगियों को जीवन दान सकता है। मूश्यकीतत्व खींच की बिना कौड़ी खर्च की दवा तैयार करना, रोगों का निदान चिकित्सा आदि सब बातों पर विस्तार पूर्वक लिखा गया है। जिससे मामूली पड़ा लिखा आदमी कुछ ही दिनों में घर बैठे डॉक्टर बन सकता है और सैकड़ों रोगियों को जीवन दान सकता है। मूल्य)
(3) प्राण चिकित्सा विज्ञान- मनुष्य के शरीर में गजब की विद्युत शक्ति भरी हुई हैं। मैस्मरेजम के ढंग पर उस बिजली का प्रयोग करके समस्त रोगों का इलाज करने का विधि इस पुस्तक में बताई गई है। झाड़, फूँक की प्राचीन तन्त्र पद्धति की वैज्ञानिक विवेचना के साथ बोरीवीय विद्वानों ने इस विधि का निर्माण किया है, विदेशों में बड़े बड़े अस्पताल इस पद्धति चल रहे हैं। मूल्य)
(4) परकाया प्रवेश- प्राण शक्ति की साधना करने से एक मनुष्य का प्राण दूसरे शरीर में प्रवेश कर आता है मैस्मरेजम के ढंग पर अपनी आत्म शक्ति से दूसरों में प्रभावित करने, उन्हें अपना इच्छानुसार चलाने, बेहोश कर देने, विचार बदल देने की विद्या इस पुस्तक बताई गई हैस्त्र जो रहस्य जन्म भर योगियों की सेवा करने पर भी प्राप्त नहीं होते उन्हें इस पुस्तक में दर्पण की तरह खोलकर रख दिया गया है ।
(5) स्वस्थ और सुन्दर बनने की अद्धुत विद्या- कीमती बढ़िया भोजन करने पर भी शरीर बलवान नहीं कुरूपता नहीं जाती, किन्तु आध्यात्मिक साधनाओं द्वारा मन चाहा स्वास्थ्य और इच्छित सुन्दरता प्राप्त की जा सकती है। इस पुस्तक में इन आध्यात्मिक तथ्यों को समझाया गया है, जिनसे स्वास्थ्य और सौंदर्य को हर मनुष्य प्राप्त कर सकता है। मू॰)
(6) मानवीय विद्युत के चमत्कार- मनुष्य शरीर की बिजली से भी वैसे ही आश्चर्यजनक कार्य हो सकते हैं जैसे कारखाने की बिजली से होते हैं। शरीर की बिजली के बारे में ठीक ठीक जानकारी न रखने के कारण लोग भयंकर दुख भोगते हैं, यदि उनके उपयोग की विधि ज्ञात हो तो दीर्घ जीवन, निरोगता, मानसिक शान्ति, प्रफुल्लता, सद्बुद्धि आदि अनेक शारीरिक मानसिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इस पुस्तक को पढ़ने से वे सब गुप्त बातें भली प्रकार समझ में आ जाती है
(7) स्वर योग से दिव्य ज्ञान- स्वरोदय विद्या भगवान शंकर द्वारा आविष्कारित है। इस विद्या की सहायता से भूत भविष्यत् वर्तमान की बातों को जानना खोई हुई वस्तुएं हानि, लाभ, सफलता, असफलता, मृत्यु-ज्ञान आदि सब बातों को ठीक ठीक जाना जा सकता है। इन विद्या के सहारे ज्योतिष के सारे काम हो सकते है।
(8) भोग में योग- प्रमेह, स्वप्नदोष, धातु का पतला होना शीघ्र पतन, नपुँसकता आदि सत्यानाशी रोगों को जड़ से खो देने की क्रियाएं इस पुस्तक में बताई गई है। जितना देर चाहें उतनी देर स्तम्मन शक्ति कायम रखने की ऐसी गुप्त विधियाँ इस पुस्तक में लिखी हैं जो हजारों रुपये को भी सस्ती है। गुप्त रोगों को दूर करने के लिये पुस्तक कल्पवृक्ष के समान है। इसमें बताई हुई विधियों से हजारों का भला हुआ है।
(5) बुद्धि बढ़ाने के उपाय- मनुष्य जीवन में बुद्धि का ही मूल्य है। धन, यश, ऐश्वर्य, विद्या, पद, सुख, स्वर्ग सब कुछ बुद्धि द्वारा ही प्राप्त होता है। इस किताब में वैज्ञानिकों के घोर अनुसन्धानों द्वारा आविष्कृत ऐसे बुद्धि एवं कमजोर मस्तिष्क वाला मनुष्य भी बुद्धिमान बन सकता है। उपाय सरल बहुत ही लाभदायक है।
(10) धनवान बनाने के गुप्त रहस्य- जिन उपायों को अवलम्बन करके गरीब आदमी बड़े बड़े धन कुबेर बन गये है वे ही उपाय इस पुस्तक में बताये गये हैं। गरीब से धनी बनने वाले अनेक व्यक्ति यों के उदाहरण भी इस किताब में है। धनी बनने क ी इच्छा रखने वालों के लिये यह बड़े काम की वस्तु है मू॰
(11) पुत्र या पुत्री उत्पन्न करने की विधि- कुछ समय पूर्व ऐसा समझा जाता था कि पुत्र या पुत्री होना भाग्य ही बात है परन्तु परन्तु अब डाक्टरों ने अपने असंख्य परीक्षणों के बाद यह साबित कर दिया हैं, कि मनचाही सन्तान प्राप्त करना पूर्ण रूप से मनुष्य के हाथ में हैं। जो उपाय बहुत परीक्षाओं के बाद खरे उतरे है उन्हीं का संकलन इस किताब में है। मू॰)
(12) वशीकरण की सच्ची सिद्धि- इस किताब में जादू टोना नहीं है वरन् ऐसे सद्गुणों और स्वभावों की शिक्षा है जिनको अपनाने वाला मनुष्य सर्वप्रिय हो जाता है और दूसरे लोग उसके वे पैसे के गुलाम हो जाते हैं। भलमनसाहत, नेकी, ईमानदारी, नम्रता, त्याग, प्रेम द्वारा कठोर से कठोर हृदय वालों को भी कैसे अपने वश में किया जा सकता यही सब बातें इसमें हैं स्त्र
(13) मरने के बाद हमारा क्या होता है?- मृत्यु के उपरान्त प्राप्त होने वाले स्वर्ग, नरक, पुनर्जन्म प्रेत योनि आदि की सम्पूर्ण स्थिति परिस्थिति का विस्तृत निवारण इस किताब में है। प्रेतात्माओं से वार्तालाप करने की विधियाँ, भूतो से बचने की युक्तियाँ आदि बहुत महत्वपूर्ण बातें इसमें लिखी हुई है।
(15) जीव जन्तुओं की बोली समझना- मूक जीव जन्तुओं की भी स्वतन्त्र भाषा है। वे भी हमारी तरह आपस में वार्तालाप करते है। उस वार्तालाप को समझने के बहुत सी अज्ञात बातों का पता चलता है और अनेक रहस्य मय विषयों का ज्ञान हो जाता है, ऐसी किताब आज तक नहीं छपी।
(16) ईश्वर कौन है? कहाँ है? कैसा है?- इस पुस्तक में ईश्वर बाद के प्रश्न पर दार्शनिक मनोवैज्ञानिक, तार्किक एवं धार्मिक दृष्टिकोणों से गम्भीर विवेचना की गई है। जिसे पड़ने से, ईश्वर, मन्दिर, भक्ति, पूजा, ध्यान
(17) क्या धर्म क्या अधर्म?- क्या धर्म इसी सांप्रदायिक कट्टरता को कहते हैं जिसके कारण आये दिन खून खराबी, दंगे फसाद होते रहते हैं और भाई से भाई अलहदा होता जाता है? यह प्रश्न प्रत्येक समझदार मनुष्य को बेचैन कर रहा है। इस पुस्तक में धर्मे, सम्प्रदाय, पैथ, प्रथा आदि धर्म के प्रत्येक पहलू पर आध्यात्मिक दृष्टि से तीव्र प्रकाश डाला है। जिससे धर्म का सच्चा स्वरूप सामने आ जाता है और धर्म के नाम पर फैले हुए अधर्म की मोल खुल जाती है। मू॰)
(18) गहना कर्मणो गतिः- भला काम करते बुरा फल और बुरा काम करते भला फल मिलते देखकर बुद्धि चक्कर खा लाती है निठल्लों को सुखी और परिश्रमी लोगों का जब दुखी देखा जाता है तो मन में बड़ी न्यमता उत्पन्न होती है। कर्मों का फल ईश्वर किस प्रकार देता है? पाप पुण्य का न्याय कौन करता है? ऐसी अनेक समस्याओं का इस किताब में ऐसी तरह हल किया गया है कि पढ़ने वाले को भली भाँति संतोष हो जाता है।
(19) जीवन की गूढ़ गुत्थियों का तात्विक प्रकाश- हम कौन है? कहाँ से आये है? किधर जा रहें है? मृत्यु क्या है चौरासी लाख योनियों में क्यों घूमना पड़ता है? मुक्ति क्या है? जीवन का आरम्भ, विकास और अन्त कैसे होता है। इसमें जीवन सम्बन्धी प्रश्नों का तात्विक दृष्टि से हल किया गया है। इस ज्ञान को जानने से जीवन का महत्व समझ में आ जाता है।
(20) पंचाध्यायी- यह आधुनिक युग की राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, मानसिक शारीरिक एवं धार्मिक समस्याओं पर व्यवस्था देने वाली गीता है। हमारे देश की दुरवस्था कैसे हुई। और भविष्य में नवीन भारत का निर्माण कैसे होगा। इसमें इन प्रश्नों का ठोस उत्तर है। हजारों धर्म ग्रन्थों का उपयोगी सार एक ही स्थान पर एकत्रित है। संस्कृत के सुलमित श्लोकों के नीचे अन्वय सहित अर्थ दिये हुए है। नवीन युग की यह नवीन गीता हर धर्म प्रेमी के हाथ में होनी चाहिए।
नोट- कमीशन के लिए लिखा पड़ी करना बिलकुल व्यर्थ है। हाँ छः से अधिक किताबें लेने वाले पर डाक खर्च माफ होगा
पता- मैनेजर अखण्ड ज्योति, मथुरा।
*समाप्त*