Magazine - Year 1944 - Version 2
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Language: HINDI
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मनुष्य को देवता बनाने वाली पुस्तकें
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जो ज्ञान युगों के प्रयत्न से मिलता है उसे हम अनायास ही आपके सामने उपस्थित करते हैं।
यह बाजारू किताबें नहीं है, इनकी एक एक पंक्ति के पीछे गहरा अनुभव और अनुसंधान है विनम्र शब्दों में हमारा दावा है कि इतना खोज पूर्ण अलभ्य साहित्य इतने स्वल्प मूल्य में अन्यत्र नहीं मिला सकता।
(1) मैं क्या हूँ
(2) सूर्य चिकित्सा विज्ञान
(3) प्राण चिकित्सा विज्ञान
(4) पर काया प्रवेश
(5) स्वस्थ और सुन्दर बनने की अद्भुत विद्या
(6) मानवीय विद्युत के चमत्कार
(7) स्वर योग से दिव्य ज्ञान
(8) भोग में योग
(9) बुद्धि बढ़ाने के उपाय
(10) धनवान बनने के गुप्त रहस्य
(11) पुत्र या पुत्री उत्पन्न करने की विधि
(11) वशीकरण की सच्ची सिद्धि
(12) मरने के बाद हमारा क्या होता है
(14) जीव जन्तुओं की बोली समझना
(15) ईश्वर कौन है? कहाँ है? कैसा है?
(16) क्या धर्म ? क्या अधर्म ?
(17) गहना कर्मणो गतिः
(18) जीवन के गूढ़ गुत्थियों पर तात्विक प्रकाश
(19) पंचाध्यायी (अजिल्द )
(20) शक्ति संचय के पथ पर
(21) आत्म गौरव की साधना
(22) प्रतिष्ठा का उच्च सोपान
(23) मित्र भाव बढ़ाने की कला
(24) आन्तरिक उल्लास का विकास
(25) आगे बढ़ने की तैयारी
(26) अध्यात्म धर्म का अवलम्बन
(27) ब्रह्म विद्या का रहस्योद्घाटन
(28) ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग
(29) यम-नियम
(30) आसन और प्राणायाम
(30) प्रत्याहार, धारणा ध्यान और समाधि
(31) तुलसी के अमृतोपम गुण
(32) आकृति देखकर मनुष्य की पहिचान
(33) मैस्मरेजम की अनुभव पूर्ण शिक्षा
(34) ईश्वर और स्वर्ग प्राप्ति का सच्चा ज्ञान
(35) हस्त रेखा विज्ञान
(36) विवेक सतसई
(38) संजीवनी विद्या
(1) जनवरी सन् 44 का मैस्मरेजम अंक बिल्कुल समाप्त हो गया है। किन्तु उसकी अत्यधिक माँगे आने के कारण उसे पुस्तकाकार में छपाया है। उसका नाम “ मैस्मरेजम की अनुभवपूर्ण शिक्षा है। जिन सज्जनों के पास मैस्मरेजम अंक है उनको उपरोक्त पुस्तक की आवश्यकता नहीं है।
(2) कमीशन देना कतई बन्द है। इसलिये इसके लिये लिखा पढ़ी करना बिलकुल व्यर्थ है, आठ या इससे अधिक पुस्तकें लेने पर डाक खर्च हम अपना लगा देते हैं। आठ से कम पुस्तकों पर डाक खर्च ग्राहक के जिम्मे है। -मैनेजर “अखण्ड ज्योति” कार्यालय मथुरा।