Magazine - Year 1971 - Version 2
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Language: HINDI
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VigyapanSuchana
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यज्ञ सम्मेलनों की सूचनाएं
विदाई, सम्मेलन में एवं डाक से, यज्ञ सम्मेलनों के प्रस्ताव बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। उन्हें देखने के बाद यह आवश्यकता अनुभव हुई कि उन पर नये सिरे से विचार करके निम्नलिखित सूचनाओं सहित पुनः भेजा जावे सभी शाखायें एवं सक्रिय सदस्य परस्पर परामर्श करके इस सूचना के अनुसार अपने प्रस्ताव भेजें। यह मानकर चलें कि अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। प्रस्ताव अलग कागज पर लिखकर भेजें जावें, एक ही पत्र पर कई सूचनाओं के बीच उन्हें न लिखा जावे। एक ही लिफाफे में अलग कागज पर लिखकर भेजने में कोई हानि नहीं। एक से अधिक यज्ञो के लिए प्रस्ताव हो तो सभी अलग-अलग कागजों पर निम्न जानकारियाँ सहित लिखें जावें। शीघ्रता करें।
1.भेजने वाली शाखा (पूरा पता मयपोस्ट, जिला, व प्रान्त)
2.सम्मेलन का स्थान (ग्राम या शहर का नाम) एवं प्रस्तावित समय।
3.सम्मेलनों में यज्ञ कुण्डों की संख्या।
4.सम्मेलन से कितने क्षेत्र का प्रभावित करेंगे।
5.शाखाओं की सामर्थ्य बढ़ाने वाली कितने उपकरणों की व्यवस्था हो गयी है और सम्मेलन तक कितने साधन बढ़ा लेने का संकल्प है।
6.वर्तमान में कितने नैष्ठिक कार्यकर्ता एवं सहयोगी यज्ञ सम्मेलन की तैयारी के लिये सन्नद्ध हैं। उनके नाम पते एवं विशेषतायें संक्षेप में लिखें।
7.क्या पाँच या नौ कुण्डीय यज्ञशालाओं के उपकरण मय पूरी साज सज्जा के आपकी शाखा तैयार करने की स्थिति में है ताकि उसका उपयोग आस-पास के यज्ञों में किया जा सकें। यदि हाँ; तो कब तक वह तैयार हो सकेंगे।
8.केन्द्र से क्या-क्या सहयोग कब-कब आवश्यक होगा।
9.अन्य आवश्यक ज्ञातव्य।-लीलापत शर्मा