Magazine - Year 1979 - January 1979
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
सिद्धियों के अहंकार से नहीं (kahani)
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
राबिया कई सन्तों के संग बैठकर बातें कर रही थी तभी हसन बसरी [सूफी संत] वहाँ आ पहुँचे और राबिया से बोले-चलिये झील के पानी पर बैठकर हम दोनों बातें करें।
हसन के बारे में प्रसिद्ध था कि उन्हें पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त थी। राबिया तो सब सिद्धियों को करतलगत कर ही चुकी थी फिर भी वह गम्भीर होकर बोली-भैया! जो तुम कर सकते हो वह तो एक मछली भी कर सकती है और मैं हवा में उड़ सकती हूँ तो वह तो एक मक्खी भी कर सकती है। सत्य चमत्कारों से बहुत ऊपर है। उसे सिद्धियों के अहंकार से नहीं, समर्पित विनम्रता से ही खोजना चाहिए।