Magazine - Year 1986 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
याज्ञवल्क्य ऋषि (kahani)
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
याज्ञवल्क्य ऋषि अवतारों की कथा कह रहे थे। जनक ने पूछा—देव, भगवान ने कश्यप का अवतार लिया और समुद्र की गहराई में ही छिपे रहे इसका क्या कारण है?
याज्ञवल्क्य ने कहा—यह भगवान ने लड़ने झगड़ने की अपेक्षा देवता और असुरों को रचनात्मक श्रम करने का परामर्श दिया। वे सहमत हो गये तो समुद्र मथन के असम्भव जैसा लगाने वाला काम करने लगे। भगवान ने श्रेय उन्हें दिया और सारा भार अपनी पीठ पर सम्भाला। साथ ही अदृश्य भी रहे। भगवान सभी सत्प्रयोजनों में यही भूमिका निभाते हैं।