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गहरे उतरें, विभूतियाँ हस्तगत करें
कार्तिकी अमावस्या का ज्योति पर्व
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ध्यानयोग का आधार और स्वरूप
राम ने वशिष्ठ से पूछा (kahani)
मेज गोविंदम् मूढ़मते
वेदान्त दर्शन का सार तत्व
सर्दी में सिकुड़ रहा था (kahani)
अष्टाँग योग का महत्वपूर्ण सोपान समाधि
देवता फिर प्रकट हुए (kahani)
प्रेम तेरे रूप अनेक
मानवी विकास के प्रारम्भिक सोपान
धर्मोहि परमोलोके, धर्मे सत्यं प्रतिष्ठितम्
आगे बढ़ने से इन्कार (kahani)
विज्ञान और अध्यात्म बनेंगे अब पूरक
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29 वीं सदी की भवितव्यताएँ- 3 - क्या सृष्टि का अन्त सचमुच निकट है
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दरारें पड़ने और बढ़ने न पायें
प्रकृति ही नहीं, पुरुष भी
शंका का समाधान (kahani)
मानवी काया में विलक्षणताओं के केन्द्र
दस प्रतिमाएँ बनाईं (kahani)
एक ही काया में दो व्यक्तित्व
राजा चित्रकेतु (kahani)
रहस्यमय सिद्धियाँ जो प्रत्यक्ष होती जा रही हैं।
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भगवान के दर्शन (kahani)
मनुष्य मात्र एक कोरा कागज है।
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बड़प्पन बोझ पर नहीं, व्यक्तित्व पर निर्भर
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राम में ही समा गये (kahani)
ज्योतिर्विज्ञान की असंदिग्ध प्रामाणिकता
कान व आँख खुले रखें
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शक्ति सम्प्रेषण का तत्वज्ञान
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अहिंसा धर्म पालन करने लगा (kahani)
कामुकता का भ्रमजंजाल
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पाप की जड़ यह “मैं” (Kahani)
संसार हमारी ही प्रतिध्वनि, प्रतिच्छाया है।
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अग्निहोत्र का अंतरिक्ष पर प्रभाव
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स्थिति का निराकरण (Kahani)
गरीबों के साथ गरीब बनकर रहो!
मृत्यु से भयभीत क्यों?
पैर में ठोकर लगी (Kahani)
बुद्ध का लोकसेवी परिव्राजकों को सन्देश
Quotation
भारतीय संस्कृति – बनाम आरण्यक संस्कृति
आवाज बंद करने को कहा (Kahani)
आवाज और पानी (Kahani)
देव ऋण से उऋण कैसे हो?
“द” का अर्थ (Kahani)
प्रगति और अवगति से भरी इक्कीसवीं सदी
उद्योग-लक्ष्मी से भिन्न (Kahani)
अपनों से अपनी बात
क्या करें? क्यों करे? कितना करें?
महाकाल का आमंत्रण
महाकाल का आमंत्रण (Kahani)
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Year 1986 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
महाकाल का आमंत्रण
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महाकाल का आमंत्रण
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