Magazine - Year 1991 - Version 2
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Language: HINDI
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अचानक आक्रमण किया (Kahani)
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सम्राट ब्रूसो को जीवन में कई बार बड़ी लड़ाइयां लड़नी पड़ीं। बारह बार उसे पराजय का मुँह देखना पड़ा। अन्त में वह अकेले रह गया तो शत्रुओं से जान बचाकर एक पहाड़ की गुफा में जा छिपे। शेष जीवन उनने वहीं काटने का निश्चय किया। उस क्षेत्र में जीवन धारण कर सकने जितने साधन उपलब्ध थे।
बहुत दिन उनने उसी गुफा में गुजारे एक दिन ऐसे ही जमीन पर लेटे हुए थे। छत पर निगाह पड़ी तो देखा कि एक मकड़ी बार बार जाल बुनने की कोशिश करती है, और बार-बार असफल हो जाती है फिर भी वह हिम्मत नहीं छोड़ती अपने छूटे काम को दूने उत्साह से फिर आरम्भ करती है।
मकड़ी का जाला बारह बार टूटा। तेरहवीं बार वह सफलतापूर्वक पूरी तरह बन गया। ब्रूसो भी बारह बार ही हार चूका था। उसने मकड़ी के साहस से शिक्षा ली और तेरहवीं बार फिर युद्ध में नये सरंजाम एकत्रित करने की योजना को कार्यान्वित करने का प्रयास आरंभ हुआ।
शत्रु आशंका रहित हो गये थे। उनने ढाल तलवारें खूँटी पर टाँग दीं थी। ब्रूसो फिर हिम्मत कर सकेंगे इसकी उन्हें आशा नहीं रह गई थी।
ब्रूसो ने अचानक आक्रमण किया, शत्रु हड़बड़ा गये और इस बार जीत न सके। ब्रूसो विजेता बना। मकड़ी के अनुकरण की बात वह जीवन भर अनेकों से कहता रहा और निराशा किसी भी परिस्थिति में नहीं होने की साहसिकता के समय-समय पर गुण गाता रहा।
*समाप्त*