Magazine - Year 2001 - Version 2
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Language: HINDI
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वह भी बुद्धिमान (kahani)
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एक बार एक ब्राह्मण ने युधिष्ठिर के पास जाकर दान की याचना की। युधिष्ठिर राज्य कार्यों में व्यस्त थे, इसलिए ब्राह्मण को दूसरे दिन आने को कह दिया। भीमसेन को यह बात अच्छी न लगी। उन्होंने सेवकों को बुलाकर सभी मंगल वाद्य बजाने की आज्ञा दी और स्वयं भी दुँदुभि बजाने लगे। वाद्यों की आवाज सुनकर युधिष्ठिर दौड़े आए। उन्होंने भीम से इसका कारण पूछा। भीमसेन ने कहा, “महाराज! आपने काल जीत लिया है। इस खुशी में यह कर रहे हैं। कल ब्राह्मण को बुलाने का तात्पर्य यही है कि कल तक का समय आपके वश में हैं।” युधिष्ठिर ने अभिप्राय समझा और कहने लगे, “सचमुच भीम! अच्छे कार्यों में देर नहीं करनी चाहिए।”
एक राजा वन भ्रमण को गया। रास्ता भूल जाने पर भूख प्यास से पीड़ित वह एक वनवासी की झोंपड़ी पर पहुँचा। समय पर मिले रूखे सूखे आतिथ्य ने उसे तृप्त कर दिया। चलते समय उसने उस वनवासी से कहा, हम इस राज्य के शासक हैं। तुम्हारी सज्जनता से प्रभावित होकर चंदन का एक बाग तुम्हें देते हैं। तुम्हारा शेष जीवन आनंद से बीतेगा।
चंदन का वन तो उसे मिल गया, पर चंदन का क्या महत्व है और उससे किस प्रकार लाभ उठाया जा सकता है, इसकी जानकारी न होने से वनवासी चंदन के वृक्ष काटकर उनका कोयला बनाकर नगर में बेचने लगा इस प्रकार किसी तरह उसके गुजारे की व्यवस्था तो बन गई।
धीरे-धीरे सभी वृक्ष समाप्त हो गए। एक अंतिम पेड़ बचा। वर्षा होने के कारण कोयला न बन सका, तो उसने लकड़ी बेचने का निश्चय किया। लकड़ी का गट्ठा लेकर जब बाजार में पहुँचा, तो सुगंध से प्रभावित लोगों ने उसका भारी मूल्य चुकाया आश्चर्यचकित वनवासी ने इसका कारण पूछा, तो लोगों ने कहा यह चंदन काष्ठ है, बहुत मूल्यवान है। यदि तुम्हारे पास ऐसी ही और लकड़ी हो तो उसका प्रचुर मूल्य प्राप्त कर सकते हो।
वनवासी अपनी नासमझी पर पश्चात्ताप करने लगा कि उसने इतना बड़ा बहुमूल्य चंदन वन, कौड़ी मोल कोयला बनाकर बेच दिया। पछताते हुए नासमझ को साँत्वना देते हुए एक विचारशील व्यक्ति ने कहा, मित्र पछताओ मत, यह सारी दुनिया तुम्हारी ही तरह नासमझ है। जीवन का एक-एका क्षण बहुमूल्य है, पर लोग उसे वासना और तृष्णाओं के बदले कौड़ी मोल में गँवाते हैं। तुम्हारे पास जो एक वृक्ष बचा है, उसी का सदुपयोग कर लो तो कम नहीं। बहुत गँवाकर भी अंत में यदि कोई मनुष्य सँभल जाता है, तो वह भी बुद्धिमान ही माना जाता है।