Magazine - Year 2003 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
मनुष्य लोक एक माया की नगरी है (kahani)
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
देवताओं ने विष्णु भगवान से कहा, “स्वर्ग में रहते हुए बहुत दिन हो गए, सो ऊब आने लगी है। किसी इससे भी अच्छे लोक को भेज दीजिए।” विष्णु ने ‘हाँ’ कह दी और मनुष्य लोक भेज दिया, साथ ही यह भी कहा, “सुख और सौंदर्य तभी दृष्टिगोचर होगा, जब तुम लोग करुणा जीवित करोगे और सेवाधर्म का रसास्वादन करोगे।”
देवता विमानों में बैठकर मनुष्य लोक चल पड़े, पर वहाँ तो सभी लोग दुःखों में डूबे थे। देवताओं ने उनकी सेवा करने का निश्चय किया। कोई मेघ बनकर बरसने लगा। किसी ने ऊष्मा और ऊर्जा बिखेरी। कोई रात्रि में शीतलता भरा प्रकाश बाँटने लगा। किन्हीं ने वनौषधियों का रूप बनाया और अपरिग्रही बनकर लोगों की कष्टमुक्ति का उपाय बताते हुए परिभ्रमण करने लगे।
बहुत दिन बाद विष्णु भगवान ने नारद को देवताओं की स्थिति मालूम करने पृथ्वी पर भेजा। उनने आकर उत्तर दिया, “देवता लोकसेवा के आनंद को स्वर्ग से बढ़कर मान रहे हैं और उनका वापस लौटने का मन नहीं है।”