गायत्री मंत्र में दीक्षित बंदियों ने बनाए 51000 आटे के दीपक
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम, सतना
और सागर स्थित कारागारों में निरूद्ध बंदियों ने मुम्बई अश्वमेध महायज्ञ में बड़े उत्साह के साथ भागीदारी की। वे सशरीर तो भाग नहीं ले सके, लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए 51,000 आटे के दीपक अश्वमेध महायज्ञ में प्रज्वलित हुए। उनकी इस भागीदारी ने लाखों लोगों के हृदयों में श्रद्धा-सद्भाव का संचार किया, जिसका पुण्य नि:संदेह बंदियों के जीवन को भी आलोकित करेगा।
मध्य प्रदेश में प्रादेशिक स्तर पर चलाए जा रहे बंदी साधना अभियान के संयोजक श्री प्रेमलाल कुशवाहा ने बताया कि यह दीपक उन बंदियों ने तैयार किए हैं जो गायत्री परिवार द्वारा बंदियों के जीवन-उत्थान के लिए साधना, सत्संग एवं सत्प्रेरणा प्रधान कार्यक्रमों से प्रभावित हैं। इन बंदियों ने गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली है और वे नियमित गायत्री उपासना और
स्वाध्याय करते हैं। जेल प्रशासन ने स्वावलम्बन कार्यक्रम के अंतर्गत दीपक बनाने और अश्वमेध यज्ञ में भिजवाने का अवसर प्रदान किया था। इस कार्य में नर्मदापुरम जेल अधीक्षक श्री संतोष सोलंकी, सतना जेल अधीक्षक लीना कोस्टा और सागर जेल अधीक्षक श्री दिनेश नरगावे जी का प्रशंसनीय सहयोग रहा।