24 लाख के चार अनुष्ठान जल उपवास के संग 24 दिन किया श्रमदान
अश्वमेध महायज्ञ हजारों, लाखों गायत्री उपासकों, साधकों की तप साधना के संचय से सफल हुआ। कुछ लोगों ने विशिष्ट साधनाएँ कीं। ऐसी ही एक तपस्वी बहिन हैं मुम्बई अश्वमेध यज्ञ क्षेत्र खारघर की निवासी श्रीमती दक्षा काथिरिया। मुम्बई अश्वमेध महायज्ञ सन् 2021 में ही होना था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसकी तिथि आगे बढ़ गई। इसकी प्रथम घोषणा के समय ही 11 फरवरी 2020 को दक्षा बेन ने अश्वमेध यज्ञ सम्पन्न होने तक 24 लाख गायत्री महामंत्र जप अनुष्ठान का संकल्प लिया। उन्होंने अनाज, नमक, चीनी और तेल त्याग कर केवल फल और गाय का दूध व छाछ का सेवन करते हुए अनुष्ठान करने का संकल्प लिया। समय आगे बढ़ा तो संकल्प तोड़ा नहीं, वे इन्हीं नियमों के साथ लगातार 4 वर्षों से यह अनुष्ठान साधना करती रहीं। उनके द्वारा इस साधना पुरश्चरण के साथ कुछ और भी कठिन संकल्प लिए गए थे।
अन्य बड़े संकल्पों की सिद्धियाँ
* यज्ञ से पूर्व दो माह में 108 घरों में यज्ञ कराने का संकल्प लिया और 151 घरों में यज्ञ कराए।
* एक गृहणी होते हुए लोगों के लिए भोजन का ऑर्डर लेकर
अपनी कमाई से एक महीने में 1,11,000 रूपये का अनुदान
अश्वमेध यज्ञ के लिए देने का संकल्प पूरा किया।
* गौ-पूजन के दिन जनसंपर्क से 11,00,000 रूपये का अनुदान एकत्रित कर दिया।
* महायज्ञ से पूर्व केवल जल का सेवन करते हुए 24 दिन तक
श्रमदान-समयदान करती रहीं। इस कठोर तप के बावजूद
उनका उत्साह हजारों लोगों के लिए प्रेरणादायी रहा।