युवाओं को आकर्षित करता रहा अभूतपूर्व पुस्तक मेला
हर समय विद्यार्थियों और युवाओं से गुलजार रहा छत्रपति संभाजी नगर का पुस्तक मेला
20,000 युवाओं की उत्साहवर्धक भागीदारी
छत्रपति संभाजी नगर। महाराष्ट
गायत्री परिवार मराठवाड़ा की छत्रपति संभाजी नगर शाखा ने युवाओं में सत्साहित्य के प्रति रूचि जगाने के लिए चार दिवसीय युग साहित्य पुस्तक मेले का आयोजन किया। नगर के त्रिमूर्ति चौक, बालाजी नगर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर परिसर में आयोजित इस पुस्तक मेले में वैसे तो सभी आयु, वर्ग के पाठकों ने भरपूर रूचि ली, लेकिन लगभग 20,000 युवाओं की भागीदारी ने आयोजकों के प्रयासों को विशेष रूप से सफल सिद्ध किया।
शिक्षण एवं कोचिंग संस्थानों का उत्साह
गायत्री परिवार मराठवाड़ा के समन्वयक श्री राजेश टांक ने बताया कि शिक्षण संस्थानों तथा कोचिंग संस्थानों ने विशेष रूचि ली। वे समूहबद्ध होकर अपने विद्यार्थियों को पुस्तक मेले में लाए और उन्हें नैतिक, चारित्रिक निर्माण के लिए परम पूज्य गुरूदेव के विचारों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। अनेक विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ पुस्तक मेले में आए।
ब्रिगेडियर और कर्नल ने बतायी उपयोगिता
पुस्तक मेले का उद्घाटन 25 सितम्बर को माननीय ब्रिगेडियर वीरेन्द्र सिंह, कमांडेण्ट, 97 आर्टिलरी ब्रिगेड ने किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं की रूचि व अनुरूप विषयों के प्रदर्शन और वातावरण तैयार करने के लिए योजकों की प्रशंसा की। पूज्य गुरूदेव के विचारों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मानवीय उत्कृष्टता प्रदान करने वाला यह साहित्य सही मायनों में भारतीय संस्कृति का दर्पण है। पू. गुरूदेव के विचारों को पढ़ने के लिए सशक्त अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है।कर्नल निर्देश शाह, 136 इन्फेण्ट्री बटालियान (टीए) इस समारोह में विशेष रूप से उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि वे सेना द्वारा वृक्षारोपण अभियान में गायत्री चेतना केन्द्र संभाजी नगर की उत्कृष्ट भागीदारी के लिये गायत्री परिवार के बहुत प्रशंसक रहे हैं। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार पर्यावरण संरक्षण के लिए ही नहीं, युवा पीढ़ी के व्यक्तित्व निर्माण के लिए भी जिस उत्साह के साथ काम कर रहा है, वह स्तुत्य है।
हर युवा को दिया गया नि:शुल्क साहित्य सेट
श्री राजेश टांक ने बताया कि पुस्तक मेले में आने वाले सभी 20,000 युवाओं को 20 रूपये का साहित्य सेट नि:शुल्क भेंट किया गया। पुस्तक मेला इतना लोकप्रिय रहा कि आरंभ करने का समय प्रात: 11 बजे से बदलकर प्रात: 8 बजे कर देना पड़ा था।