गुजरात के कथा वाचकों का विशिष्ट सम्मेलन
शान्तिकुञ्ज में गुजरात के कथा वाचकों का विशेष सम्मेलन आयोजित हुआ। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने अपने संबोधन में जन-जन में युगऋषि की सत्प्रेरणाओं का संचार कर रहे इन युग पुरोहितों का भावभरा स्वागत किया। आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने अपने उद्बोधन में अखण्ड दीप तथा परम वंदनीया माताजी के जन्म शताब्दी वर्ष 2026 के ऐतिहासिक महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह समय राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना के उत्थान की विशिष्ट वेला है। हमें जनमानस के चिंतन को आत्मसाधना एवं नवसृजन की दिशा में केन्द्रित कर वैश्विक समस्याओं के समाधान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इस विशिष्ट सम्मेलन में गुजरात के 60 प्रमुख कथावाचकों की भागीदारी रही। अनेक सत्रों में शान्तिकुञ्ज के वरिष्ठ वक्तताओं ने ज्योति कलश यात्रा और राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञों की जानकारी दी। उन्हें सामयिक समस्याओं, सामाजिक विकृतियों के निवारण के लिए एकनिष्ठ होकर प्रयत्नशील रहने की प्रेरणा दी गई।