Hindu festivals send a message of awareness and dynamism to the society. The message of the festival of Holi, is to find out the trash in our thoughts, in our environment and destroy them, in order to establish purity in and around us.
We should find out the distorted filth present in our mentality, in our society and in the politics and burn them. This is the best way to celebrate Holi. Using obscene language, throwing mud and slush on someone is the symbol of animalism and rudeness; we should keep ourselves away from these.
This year on the eve of Holi, All World Gayatri Pariwar will be burning all the indecent pictures and literature along with Holika Dahan Festival.
In order to save the honor of the women, over many places, indecent pictures and dirty literature will be burned. Gayatri Pariwar has organized such programs to burn indecent items , all over the country at 1459 places simultaneously, on 23rd and 24th March to inaugurate this campaign.
Dr. Pranav Pandya, head of Gayatri Pariwar, mentioned that, "Whatever we see, has its direct influence on our thinking and our mind. When we look at a picture over and over again, its subtle influence gets imprinted on our unconscious mind, and the more we look at them the imprints becomes permanent and becomes that much more mature."
He further stated, " Our mind quietly absorbs the ideals and subtle messages hidden behind these pictures. Along with the pictures - its good or bad imprints gets sketched on our inner psyche/unconscious mind."
Our forefathers celebrated Holi as the cleanliness drive. In the Vasant season, the leaves of trees fall and litter the surrounding. They used to clean their surroundings on the occasion of Holi and burn the garbage. Now people have forgotten that very purpose to celebrate Holi.
Holi was the festival of forgiveness. People forgive others mistakes and hug/color each other with love and affection.
In the real sense, the festival of Holi imparts the effects of bonding in the community, a festival of welfare, if celebrated with wisdom.
Want to know more on Holi and how we should worship during Holi - Check out these links:
STEPS FOR WORSHIP HOLI - AS IN SCRIPTURES | IMPORTANCE OF HOLI
होली पूजन की आर्ष विधी होली का संदेश, उद्देश्य और शिक्षा
अंग्रेजी में कहावत है कि ‘वैल बिगन इज हाफ डन’ अर्थात् अच्छा प्रारंभ आधी सफलता के बराबर होता है। इसलिए होलिका पर्व के पहले से ही इस अभियान के पक्ष में वातावरण बनाना शुरु कर देना चाहिए।
We should find out the distorted filth present in our mentality, in our society and in the politics and burn them. This is the best way to celebrate Holi. Using obscene language, throwing mud and slush on someone is the symbol of animalism and rudeness; we should keep ourselves away from these.
This year on the eve of Holi, All World Gayatri Pariwar will be burning all the indecent pictures and literature along with Holika Dahan Festival.
In order to save the honor of the women, over many places, indecent pictures and dirty literature will be burned. Gayatri Pariwar has organized such programs to burn indecent items , all over the country at 1459 places simultaneously, on 23rd and 24th March to inaugurate this campaign.
Dr. Pranav Pandya, head of Gayatri Pariwar, mentioned that, "Whatever we see, has its direct influence on our thinking and our mind. When we look at a picture over and over again, its subtle influence gets imprinted on our unconscious mind, and the more we look at them the imprints becomes permanent and becomes that much more mature."
He further stated, " Our mind quietly absorbs the ideals and subtle messages hidden behind these pictures. Along with the pictures - its good or bad imprints gets sketched on our inner psyche/unconscious mind."
Our forefathers celebrated Holi as the cleanliness drive. In the Vasant season, the leaves of trees fall and litter the surrounding. They used to clean their surroundings on the occasion of Holi and burn the garbage. Now people have forgotten that very purpose to celebrate Holi.
Holi was the festival of forgiveness. People forgive others mistakes and hug/color each other with love and affection.
In the real sense, the festival of Holi imparts the effects of bonding in the community, a festival of welfare, if celebrated with wisdom.
Want to know more on Holi and how we should worship during Holi - Check out these links:
STEPS FOR WORSHIP HOLI - AS IN SCRIPTURES | IMPORTANCE OF HOLI
होली पूजन की आर्ष विधी होली का संदेश, उद्देश्य और शिक्षा
Invitation
होली पर्व इस शुभारंभ के लिए सर्वथा उपयुक्त है। प्रहलाद नयी पीढ़ी के आह्लाद- उमंग का प्रतीक है, जिसे अश्लीलता की होलिका अपनी गोद में बिठाकर कामाग्रि में भस्म कर देना चाहती है। प्रहलाद को प्रभुपरायण आदर्शनिष्ठ बना दिया जाय तो होलिका का कुचक्र टूट जायेगा और वह अपनी ही चाल का शिकार हो जायेगा। युग निर्माण परिवार द्वारा मनुष्य में देवत्व जगाने का जो सफल प्रयास चल रहा है, वह नयी पीढ़ी के प्रह्लाद को ईश्वरनिष्ठ बनाने का ही प्रयोग है। प्रभु निष्ठा से जुड़ी नयी पीढ़ी अपनी ऊर्जा को प्रभु कार्यों में, आदर्श प्रयोजनों में लगायेगी, तो उसका बाल भी बाँका नहीं होगा और कुचक्री अपनी मौत मरेंगे।अंग्रेजी में कहावत है कि ‘वैल बिगन इज हाफ डन’ अर्थात् अच्छा प्रारंभ आधी सफलता के बराबर होता है। इसलिए होलिका पर्व के पहले से ही इस अभियान के पक्ष में वातावरण बनाना शुरु कर देना चाहिए।
Contact: 9258360962 , 9258360928 Email: youthcell@awgp.org
Highlights
Special Attraction
इस वर्ष होली पर अश्लीलता की दुष्प्रवृत्ति का दहन करना है, इस बात को खूब फैलाया जाय। इसके लिए कई तरह के प्रयोग प्रयास किये जा सकते हैं।
जैसे -
- एक पत्रक छपवाकर तैयार किया जाय, ‘अश्लीलता- होलिका को जलायें, नई पीढ़ी के प्रह्लाद को बचायें’। इस आलेख के प्रारंभ में दिये गये विचारों के आधार पर पत्रक का मैटर तैयार कर लिया जाय। उसके आधार पर जन- जन से सहयोग माँगा जाय।
- जन सम्पर्क, नुक्कड़ नाटकों, विद्यालयों में उद्बोधनों, जनसभाओं के माध्यम से विचारशीलों- भावनाशीलों को उभारा जाय। अश्लील साहित्य, चित्र, पोस्टर, आदि का बहिष्कार करने के संकल्प कराये जाये। उन्हें एकत्रित किया जाय।
- सोशल मीडिया के माध्यम से अश्लीलता फैलाने के कुचक्र को रोका जाय। उसके लिए किशोरों- युवाओं को प्रेरित किया जाय और उस कुचक्र से बचने- बचाने के संकल्प कराये जाये।
- होली पर अश्लील गीतों के स्थान पर उत्साह भरे प्रेरक गीतों के उपयोग के लिए प्रेरणा दी जाय।
- होलिका दहन (२२ मार्च) के दिन इस संदर्भ में विशेष आयोजन करने की रूपरेखा तैयार कर ली जाय। गाँव में या मोहल्ले- मोहल्ले अश्लीलता की होली जलाने की, होली के उल्लास को सही दिशा देने की तैयार की जाय।
कार्यक्रम से सम्बंधित प्रचार सामग्री यहाँ से डाउनलोड करें -
Contribute / Participate
पर्व प्रकरण
होली पर्व के पहले से किए गये प्रचार और तैयारी के आधार पर हर गाँव, मोहल्ले मे विशेष समारोह किए जा सकते हैं।
होली पर्व के पहले से किए गये प्रचार और तैयारी के आधार पर हर गाँव, मोहल्ले मे विशेष समारोह किए जा सकते हैं।
- उस दिन विशेष रैलियाँ निकाली जायें और अश्लीलता दहन के लिए सामग्री एकत्रित की जाये। जैसे अर्थी सजाई जाती है वैसे अश्लील साहित्य की अर्थी बनाकर भी रैली निकाली जा सकती है। होली के समय उन्हें घोषणापूर्वक जलाया जा सकता है।
- जहाँ संभव हो, वहाँ गाँव, मोहल्लों में होली दहन के पूर्व कर्मकाण्ड भास्कर के अनुसार पर्व पूजन का क्रम चलाया जाय। मंच पर किन्हीं सम्मानित प्रतिनिधियों को बिठाकर पर्व पूजन का संक्षिप्त क्रम चलायें।
- पूजन के बाद मंच पर मंत्रों के साथ यज्ञाग्नि या दीपक प्रज्वलित करें। अश्लील साहित्य चित्रादि के साथ समारोहपूर्वक रची होली के पास उसे ले जाया जाय। होलिका में अग्नि प्रवेश कराकर उसमें राक्षसी होलिका की प्रतीक अश्लील सामग्री को उसमें झोंक दिया जाय। प्रेरक जयकारों व होली के प्रेरक गीतों से माहौल को प्रभावशाली बनाया जाय।
- घूलि वन्दन, होली खेलने वाले दिन शाम को होली मिलन समारोह रखा जाय। उसमें अश्लीलता का बहिष्कार करने वालों के तिलक लगाकर सम्मानित किया जा सकता है। इसी के साथ अश्लीलता को न पनपने देने के लिए भाइयों- बहनों की सत्याग्रही टोलियाँ भी गठित की जा सकती है।