धार्मिक और सामाजिक मंच से महिलाओं का उत्थान और सशक्तिकरण गायत्री परिवार मिशन के सामाजिक पुनर्निर्माण कार्यक्रम का अभिन्न अंग रहा है। धार्मिक मंच से महिलाओं के गौरव को पुनर्जीवित करने की इसकी पहल सबसे उल्लेखनीय रही है। हिंदू समाज में, जहां मध्यकाल से महिलाओं को घूंघट के पीछे रखा जाता था और उन्हें वैदिक मंत्रों का जाप नहीं करना पड़ता था, अब हम सैकड़ों साधिकाओं को वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए, सभी प्रकार के वैदिक धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन करते और हजारों लोगों का मार्गदर्शन करते हुए देख सकते हैं। इतना ही नहीं, वे मिशन की कई सामाजिक सुधारात्मक गतिविधियों का नेतृत्व कर रही हैं। महिलाओं के समूह (जिन्हें "ब्रह्मवादिनी टोली" कहा जाता है) देश के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं और महिलाओं की स्थिति के उत्थान के लिए विशेष 3-4 दिनों के सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
मानव समाज के बेहतर आधे हिस्से को अपनी भूमिका सबसे कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निभाने में सक्षम बनाने के लिए यहां महिलाओं की शिक्षा और सांस्कृतिक उत्थान को प्रोत्साहन दिया जाता है। मिशन के आत्मनिर्भर विकास कार्यक्रमों के तहत कई स्वरोजगार योजनाएँ महिला उन्मुखी हैं।
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