गायत्री परिवार एक जीवंत आदर्श है भावी समाज का, जो मानव एकता और समानता के सिद्धांतों द्वारा संचालित है।
यह वैदिक ऋषियों की प्राचीन ज्ञान-परंपरा का आधुनिक रूपांतरण है, जिन्होंने "वसुधैव कुटुम्बकम्" — अर्थात् सम्पूर्ण धरती एक परिवार है — की भावना को जीवन में उतारा और प्रचारित किया।
इस युग परिवर्तन के अभियान की स्थापना युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा की गई, जो एक संत, समाज सुधारक, लेखक, दार्शनिक, अध्यात्मिक मार्गदर्शक एवं दूरद्रष्टा थे। यह मिशन आज एक विशाल जनआंदोलन का स्वरूप ले चुका है।
लक्ष्य एवं उद्देश्य:
- • मानव में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण।
- • व्यक्तित्व निर्माण, परिवार निर्माण एवं समाज निर्माण।
- • स्वस्थ शरीर, पवित्र मन और सुसंस्कृत समाज।
- • “आत्मवत् सर्वभूतेषु” (सभी प्राणी अपने समान हैं), वसुधैव कुटुम्बकम् (सम्पूर्ण पृथ्वी एक परिवार है)।
- • एक राष्ट्र, एक भाषा (प्रेम), एक धर्म (मानवता), एक शासन (आत्म-नियंत्रण)।
- • हर व्यक्ति को, जाति, रंग या मज़हब से परे, आत्मविकास के लिए समान अवसर मिलना चाहिए।