लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिरला जी ने किया प्रथम ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला का उद्घाटन किया
कार्यशाला के समापन पर शक्तिकलशों का शान्तिकुञ्ज में भ्रमण
लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिरला जी ने किया प्रथम ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला का उद्घाटन विशान्तिकुञ्ज में दिनांक 7, 8 एवं 9 सितम्बर को प्रथम कार्यशाला का आयोजन आ। इसमें राजस्थान, प. बंगाल तथा पूर्वोत्तर भारत के लिए ज्योति कलश यात्राओं के चालन की योजना बनाई गई। राजस्थान के लगभग 1000 कार्यकर्त्ता तथा प. बंगाल, असम, रूणाचल आदि पूर्वोत्तर भारत के प्रान्तों से आए लगभग 300 कार्यकर्त्ता इस कार्यशाला में उपस्थित थे। श्रद्धेया शैल जीजी ने राजस्थान के लिए 7 और बंगाल, पूर्वोत्तर भारत के लिए एक-एक शक्ति कलश का पूजन कर उन्हें समारोहपूर्वक कार्यकर्त्ताओं को सौंपा। तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन के साथ हुआ। लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिरला इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने गायत्री परिवार के कार्यक्रमों की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्त्ताओं से ज्योति से ज्योति जलाने तथा देश और दुनिया को जगमगाने का संकल्प लेकर ज्योति कलश यात्राओं को निकालने का आह्वान किया। इससे पूर्व देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति या माननीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने ज्योति कलश यात्राओं के उद्देश्य और योजना को स्पष्ट करते हुए कहा कि वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा जलाई गई ज्योति का अंश लेकर यह ज्योति कलश यात्राएँ जहाँ जायेंगी, वहाँ लोगों को भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कर उनकी चेतना को प्रखर बनाने का कार्य करेंगी। इस अवसर पर श्री विनय रूहेला, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, कुलपति श्री शरद पारधी, डॉ. ओ.पी. शर्मा, शान्तिकुञ्ज के व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि, प्रशासनिक अधिकारी सहित सम्मेलन में भाग लेने आए सभी कार्यकर्त्तागण उपस्थित थे। सभी गणमान्यों ने शक्ति कलशों की पूजा एवं उन पर पुष्पवर्षा की। माननीय श्री बिरला जी के देसंविवि पहुँचने पर आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने राजस्थानी साफा बाँधकर एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया। माननीय लोकसभा अध्यक्ष ने विवि. परिसर में स्थित एशिया के प्रथम बाल्टिक केंद्र, स्वावलंबन केन्द्र सहित विविध प्रकल्पों का अवलोकन किया, शौर्य की दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित कर उत्तराखण्ड के शहीदों को नमन किया।
# गायत्री विद्यापीठ शिक्षण समिति की प्रमुख आदरणीया शेफाली पण्ड्या जी ने ज्योति कलश यात्रा की सफलता में बहिनों की विशिष्ट भूमिका पर प्रकाश डाला।
# शान्तिकुञ्ज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि जी ने कहा कि अखण्ड ज्योति में गुरूदेव-माताजी कारण रूप में विद्यमान हैं। हमें उन्हें गाँव-गाँव, घर-घर पहुँचाना है।
एक अभूतपूर्व अवसर - श्रद्धेया शैल जीजी
अभियान को ऋषिसत्ताओं एवं हमारे आराध्य युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा जी का सूक्ष्म संरक्षण प्राप्त है। यह यात्रा अपने उद्देश्यों को अवश्य पूरा करेगी, हमें पूरे समर्पण भाव के साथ अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करना है। - श्रद्धेया शैलदीदी
यज्ञभाव का संचार किया - श्री बिरला जी
आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के भीषण दौर से गुजर रही है, क्योंकि हमने यज्ञ करना छोड दिया, लेकिन गायत्री परिवार यज्ञ की परंपरा को जन-जन तक पहुँचा रहा है।- माननीय श्री ओम बिरला जी, लोकसभा अध्यक्ष्
हमारा उद्देश्य भावनात्मक नवनिर्माण
ज्योति कलश यात्रा का उद्देश्य लोगों का भावनात्मक नवनिर्माण करना है। इस ज्योति से ऐसे प्रकाशवान व्यक्तित्व निखरकर सामने आयेंगे, जो समाज एवं दुनिया में फैले अंधकार को दूर करने में सक्षम होंगे। -आद. डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी, प्रति कुलपति देसंविवि
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