अण्डमान निकोबार में स्वतंत्रता सैनिकों का श्राद्ध-तर्पण
विजय नगर द्वीपसमूह
अब श्री विजय नगर के नाम से जाना जाने वाले अण्डमान निकोबार की सेल्यूलर जेल देशभक्त वीर सावरकर जी सहित देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले महावीरों की दिल दहला देने वाली यातनाओं की साक्षी है। गायत्री परिवार श्री विजय नगर (अण्डमान निकोबार) विगत 10 वर्षों से उन देवात्माओं की आत्म शान्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में सामूहिक श्राद्ध तर्पण संस्कार का आयोजन करता आ रहा है। इस वर्ष वहाँ पितृमोक्ष अमावस्या, 2 अक्टूबर को 11 कुंडीय गायत्री यज्ञ एवं सामूहिक श्राद्ध तर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जनमानस में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने वाला था। इसका शुभारंभ 500 बहिनों की भागीदारी वाली विशाल कलश यात्रा से हुआ। यह मंगल कलश शोभायात्रा राधाकृष्ण मंदिर से कार्यक्रम स्थल तक निकाली गई। श्राद्ध तर्पण संस्कार में पूरे द्वीपसमूह से लगभग 370 लोग शामिल हुए। उन्होंने अपने पितरों के साथ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे वीर बलिदानियों को कार्यक्रम को शान्तिकुञ्ज से पहुँची श्री आशीष सिंह और श्री मंगलसिंह गढ़वाल की टोली ने सम्पन्न कराया। इसमें शहर के गणमान्य व्यक्तियों, धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला।
युवा एवं विद्यार्थियों को प्रेरणा
शान्तिकुञ्ज की टोली ने अपने दस दिवसीय प्रवास में सघन जनसंपर्क कर नगर के गणमान्य नागरिकों तक मिशन का संदेश पहुँचाया। दिनांक 5 अक्टूबर को भीमराव अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी के छात्रों के बीच एक कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें छात्रों को व्यसनमुक्त और आदर्श जीवन के सूत्र सिखाए गए। 6 अक्टूबर को गायत्री चेतना केंद्र में पारिवारिक युवा शिविर का आयोजन कर गायत्री परिवार के बच्चों को मिशन की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने की प्रेरणा दी। संस्कार शाला के संचालकों और विद्यार्थियों की माताओं के बीच भी एक गोष्ठी की गई।
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