भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में इस वर्ष 42 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया
कक्षा 5 से महाविद्यालय तक के विद्यार्थियों को वैज्ञानिक अध्यात्मवाद एवं भारत के वैभवशाली सनातन सांस्कृतिक गौरव से जोड़ने वाली और बच्चों को सकारात्मकता, सृजनात्मकता एवं संस्कारों का पाठ पढ़ाने वाली अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में इस वर्ष 42 लाख छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह संख्या गत वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए भी सहायक सिद्ध हो रही है।
नया पाठ्यक्रम
इस वर्ष अधिकांश राज्यों में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा नए पाठ्यक्रम के अंतर्गत आयोजित हुइर्ं। नए पाठ्यक्रम को भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसके कारण पूर्व वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक उत्साह के साथ छात्रों एवं विद्यालयों की भागीदारी हुई है।
निरंतर बढ़ रहा है उत्साह
देश के कोने-कोने से उत्साहवर्धक समाचार लगातार प्राप्त हो रहे हैं। गुजरात के दिव्यांग छात्रों ने भी भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में भाग लिया। सुदूर अंचल के आदिवासी क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों के दूरवर्ती क्षेत्रों में भी इस परीक्षा के प्रति उत्साह बढ़ता जा रहा है।
अनुवर्ती कार्यक्रम
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में भाग लेने वाले अनेक विद्यालय बच्चों में संस्कार संवर्धन के कार्यक्रमों को भी अपना रहे हैं। विद्यालयों में परम पूज्य गुरूदेव के क्रान्तिकारी सद्वाक्य लगाए जा रहे हैं। संस्कृति मंडलों का गठन हो रहा है, जिनके माध्यम से जन्मदिन, वृक्षारोपण, सामूहिक स्वच्छता अभियान जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों के प्रतिभा परिष्कार शिविर, शिक्षक गरिमा शिविर की लोकप्रियता बढ़ रही है
भावभरे सहयोग के प्रति आभार
परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में क्रमश: सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर में हुआ। परीक्षा के आयोजन में शिक्षा मंत्रालय, राज्य स्तर पर हजारों प्रशासनिक अधिकारियों, विद्यालयों एवं शिक्षकों का भावभरा सहयोग मिला। इतनी बड़ी सफलता में नैष्ठिक परिजनों ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिन्होंने केवल परीक्षा केन्द्रों की व्यवस्था ही नहीं सँभाली, बल्कि चिलचिलाती गर्मी और बरसात में विद्यालयों में व्यापक जनसंपर्क कर उन्हें सहमत किया और व्यवस्थाएँ बनाइर्ं। शान्तिकुञ्ज में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रभारी श्री रामयश तिवारी ने उन समस्त सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है।
प्रान्तवार संख्या
राजस्थान 9,08,755
उत्तरप्रदेश 9,55,494
मध्यप्रदेश 6,69,676
गुजरात 7,02,602
छत्तीसगढ़ 2,70,545
झारखण्ड 1,91,062
उत्तराखण्ड 91,535
हरियाणा 54,817
महाराष्ट्र 85,533
हिमाचल 47,219
तेलंगाना 7,568
बिहार 62,847
बंगाल 13,158
दिल्ली 59,432
ओडिशा 44,111
पंजाब 8,630
केरल 4,300
पूर्वोत्तर राज्य 12,900
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