उत्तर प्रदेश के विशिष्ट कार्यक्रमों में वरिष्ठ शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि की भागीदारी
108 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ में श्रद्धालुओं को जन्मशताब्दी के निमित्त सक्रियता के संकल्प दिलाए
मऊ। उत्तर प्रदेश : आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी 9 नवम्बर को गायत्री शक्तिपीठ मऊ द्वारा आयोजित 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में भाग ले रहे हजारों परिजनों एवं प्रबुद्ध जनों के बीच पहुँचे। वहाँ उन्होंने परम पूज्य गुरूदेव का अमृत संदेश देते हुए श्रद्धालुओं में युग निर्माणी आस्थाओं का संचार किया। आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने कहा कि मनुष्य जीवन ईश्वर का सर्वोत्तम उपहार है। इसमें अनंत संभावनाएँ विद्यमान हैं। गायत्री महामंत्र की उपासना से मनुष्य जीवन देवत्व की ओर अग्रसर होता जाता है। परम पूज्य गुरूदेव और परम वंदनीया माताजी के आशीर्वाद से आज जीवन की श्रेष्ठतम संभावनाओं को साकार करने का जो अवसर हमें प्राप्त हुआ है, उस अवसर को हमें पहचानना चाहिए और उसका पूरा-पूरा लाभ उठाते हुए अपने जीवन को श्रेष्ठता की ओर अग्रसर करने के लिए सार्थक कदम बढ़ाने चाहिए। ऐसा सुयोग कई जन्मों के बाद मिल पाता है, जब स्वयं महाकाल की सत्ता गुरूरूप में हमारी ऊँगली पकड़कर अपनी राह चलाती है। आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने जन्मशताब्दी वर्ष- 2026 को राष्ट्र जागरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण समय बताया। उन्होंने सभी को महाकाल की योजना को पूरा करने में पूरी निष्ठा के साथ जुट जाने की प्रेरणा दी और संकल्प भी दिलाए। इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने शान्तिकुञ्ज से श्री सुनील शर्मा की टोली पहुँची थी।
आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने यज्ञ स्थल पर धर्मध्वजारोहण किया और देव संस्कृति दिग्दर्शन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
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