डॉ. चिन्मय पंड्या जी का सिरसौद में विराट कन्या कौशल शिविर में प्रेरणादायक मार्गदर्शन
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के अपने पांच दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी खंडवा जिले के सिरसौद ग्राम पहुंचे। यहाँ आयोजित विराट कन्या कौशल शिविर में 5000 से अधिक कन्याओं को दीपमहायज्ञ के अवसर पर आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी का विशिष्ट मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
सिरसौद गांव के प्रवेश द्वार पर युवाओं की मोटरसाइकिल रैली द्वारा उत्साहपूर्ण स्वागत किया गया। ग्रामवासियों, खंडवा के परिजनों, एवं 108 कन्याओं ने भावपूर्ण तरीके से आदरणीय डॉक्टर पंड्या जी का स्वागत किया। इसके पश्चात सिरसौद के गायत्री परिवार की विशाल गौशाला परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम उन्होंने प्रखर प्रज्ञा और सजल श्रद्धा के दर्शन कर ध्वज वंदन किया, साथ ही उन्होंने स्वावलंबन केंद्र और माता भगवती भोजनालय का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने गायत्री धाम परिसर में साधना कक्ष, ऋषियों की कुटिया और गौ माता के दर्शन किया।
विराट कन्या कौशल शिविर में प्रशिक्षित कन्याओं को प्रेरणा देते हुए आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी ने कहा: "आज की परिस्थितियों में असुरों और विकृतियों ने सभी पर आक्रमण किया है। इन समस्याओं का समाधान केवल विकृतियों की जड़ पर प्रहार करने से संभव है। भगवान ने हमें तीन शक्तियां दी हैं: शरीर की शक्ति, मन की शक्ति, और भावनाओं की शक्ति। लेकिन वर्तमान समय में शरीर बीमारियों का घर बन गया है, मन चिंताओं से भरा हुआ है, और भावनाएं रिक्त हो चुकी हैं। ये तीनों शक्तियां संकट में हैं, और इन्हें पुनः जागृत करना अत्यंत आवश्यक है।"
नारी जागरण और कन्या कौशल की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने उपस्थित नारी शक्ति से कहा: "आज इंसान की समस्याएं संवेदनाओं के अभाव के कारण हैं। यदि मानवीय समस्याओं का समाधान चाहिए, तो यह केवल संवेदनाओं के सिंचन और जागरण से ही संभव है। भावनाओं और संवेदनाओं के जागरण का कार्य नारी शक्ति के बिना संभव नहीं है। हमारी बहनें, भारत की नारियां, इस कार्य में सबसे बड़ी शक्ति हैं। यह सामर्थ्य आपके अलावा किसी के पास नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा: "मैं यहाँ आपके पास विश्वास लेकर नहीं, बल्कि पुकार लेकर आया हूं। यह पुकार है कि आप जागें और जगाएं। आपका भाई आपके बीच एक ही आशा लेकर आया है कि आप ही भारत की भटकती पीढ़ियों का मार्गदर्शन कर सकती हैं। गुरुदेव का प्यार और माताजी का दुलार लेकर हम सभी को घर-घर, द्वार-द्वार तक यह संदेश लेकर जाना है।"
मनुष्य में देवत्व के उदय के एवं परम पूज्य गुरुदेव के स्वप्नों को साकार करने के उद्देश्य से आयोजित इस विराट कन्या कौशल शिविर ने सभी के मनों को अभिभूत कर दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन शांतिकुंज की ब्रह्मवादिनी बहनों ने किया ।
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